आधिकारिक बयान में कहा गया कि ऐसी खबरें थीं कि ई-सिगरेट का बाजार केरल में बहुत फल-फूल रहा है तथा मुख्य रूप से युवाओं और बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है। राज्य के मादक पदार्थ विरोधी अधिकारियों ने पाया कि ई-सिगरेट के डिवाइस का इस्तेमाल गांजा, चरस और दूसरे मादक पदार्थों के लिए किया जाता है। (भाषा)