उन्होंने कहा कि मायावती चाहें तो बसपा का सपा में विलय करके अपने भतीजे अखिलेश यादव से सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व ले लें। फिर भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के अंदर चल रही कमल के फूल की लहर को नहीं रोक पाएंगी। गरीब, पिछड़ा, दलित कमल और विकास के साथ है।
मौर्य ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी चाहे समाजवादी पार्टी में अपना विलय भी कर दे तब भी गरीबों, दलितों और पिछड़ों के मसीहा के रूप में देश की सेवा में समर्पित नरेंद्र मोदी के विकास रूपी कमल के फूल का साथ फूलपुर लोकसभा गोरखपुर लोकसभा की जनता नहीं छोड़ेगी। 11 मार्च को विकास का कमल खिलेगा। साइकिल पर हाथी के बैठ जाने पर परिणाम क्या होगा यह सब जानते हैं।