उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे को अब तक केवल 1 माह का पारिश्रमिक दिया गया है, जबकि उसे काम करते हुए 3 माह पूरे हो चुके हैं। प्रताड़ना से दुखी अंसार गत 20 अप्रैल को भागकर कुवैत स्थित भारतीय दूतावास पहुंचा। वहां उसने अपनी लिखित शिकायत क्रमांक 1425 पर दर्ज कराई। इसके बावजूद उसकी शिकायत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। (भाषा)