चम्पावत। उत्तराखंड में मानसून के चलते कुमाऊं मंडल में अधिकांश स्थानों पर बारिश का दौर चल रहा है। चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में जोरदार बारिश हुई। पिथौरागढ़ की कई सड़कें ध्वस्त होने से पिछले दो दिन से यहां का संपर्क अन्य स्थानों से कटा हुआ है।
मौसम विभाग के मुताबिक आज गुरुवार को भी कुमाऊं के चार जिलों में भारी बारिश का अनुमान है। बारिश से टनकपुर-तवाघाट हाईवे में घाट से पिथौरागढ़ के बीच तीन स्थानों पर भारी मात्रा में मलबा आने से यातायात ठप है।
वहीं घाट-पनार-अल्मोड़ा मार्ग में मकड़ाऊ के पास मलबा आने से पिथौरागढ़ का संपर्क कटा हुआ है। बड़ी संख्या में वाहन और यात्री मार्ग पर फंसे रहे। गोरी नदी का जलस्तर बढ़ने से तहसील बंगापानी के घुरुड़ी के पास बना अस्थायी पुल बह गया है। इससे चार गांवों का संपर्क कट गया है।
कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग अभी भी बंद है। इधर, बदरीनाथ हाईवे भी तीन दिन से बाधित है। मार्ग से मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है। भारी बारिश से चम्पावत जिले के टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में हुए भूस्खलन से भारतोली के पास 100 मीटर क्षेत्र में सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया।इससे पूरे बुधवार के दिन आवाजाही बंद रही।
मार्ग पर सब्जी, रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल के टैंकर, बसों समेत दर्जनों वाहन फंस गए हैं। इससे यात्रियों को भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा।रात तक मलबा साफ नहीं हो सका था, हालांकि टनकपुर से बाराकोट तक का हिस्सा सुचारु है।
चंपावत के डीएम विनीत तोमर और एसपी लोकेश्वर सिंह ने भारतोली का मौका मुआयना किया।मार्ग पर खतरे के मद्देनजर आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार-बुधवार की रात पर्वतीय क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हुई जिससे टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिल्ली बैंड के पास मलबा आ गया। सुबह दिल्ली बैंड के साथ ही मीना बाजार और चुपकोट बैंड के पास भी पहाड़ियां दरकने से सड़क पर मलबे के ढेर लग गए।
जेसीबी और पोकलैंड भेजकर एनएच खंड ने सड़क खोलने का काम शुरू किया लेकिन विशाल बोल्डर और टनों मलबा हटाने में मशक्कत करनी पड़ी। पहाड़ी से बार-बार पत्थर और मलबा गिरने से सड़क खोलने के काम में बाधा आई। इससे दोनों ओर सैकड़ों की संख्या में वाहनों की कतारें लग गईं।
बसों, टैक्सियों और निजी वाहनों से आवागमन कर रहे यात्री भूखे-प्यासे सड़क खुलने की उम्मीद में पूरे दिन इंतजार करते रहे। बच्चों और महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ी। कई वाहन लौट गए, लेकिन बीच में फंसे वाहनों के यात्रियों को कई किमी तक पैदल चलना पड़ा। शव दाह करने जा रहे लोग पैदल ही घाट स्थित रामगंगा नदी तक पहुंचे। देर शाम तक सड़क खोलने का काम जारी था।
इधर, बारिश के पिथौरागढ़-थल सड़क पर चोपड़ा के पास भूस्खलन हो गया। सड़क का कुछ हिस्सा नदी में समा जाने से इस रूट पर भी यातायात ठप रहा। इसके चलते पिथौरागढ़ के लोग वाया थल-सेराघाट से भी आवागमन नहीं कर सके। शाम चार बजे पहाड़ी काटकर वाहनों की आवाजाही के लायक बनाया गया।
एनएच पर अमरूबैंड, झालाकुड़ी, स्वांला, धौन के पास मलबा आने से मार्ग बंद रहा। सुबह करीब नौ बजे भारतोली को छोड़ शेष चार स्थानों से मलबा हटाकर यातायात सुचारु कर दिया, लेकिन भारतोली में पहाड़ी से लगातार पत्थर लुढ़कते रहे। इससे 100 मीटर सड़क का अधिकांश हिस्सा धंस गया। पिथौरागढ़ जा रहा सब्जी से लदा ट्रक झालाकुड़ी के पास मलबे की चपेट में आ गया।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के मुताबिक आज और कल यानी 17 व 18 जून का यलो अलर्ट है। आज जून को पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत जिले में कहीं कहीं भारी बारिश का अनुमान है। कुमाऊं संभाग में कहीं कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने की भी संभावना है।
18 जून को उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं मंडल के कुछ स्थानों में तथा गढ़वाल मंडल में कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दिन पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत जिले में कहीं कहीं भारी बारिश की संभावना है।
वहीं, टिहरी, पौड़ी, देहरादून, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ में कहीं कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और तेज बौछार पड़ने की संभावना है। 19 और 20 जून उत्तराखंड राज्य के अनेक स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश गर्जन के साथ हो सकती है।