अतरिक्त सत्र न्यायाधीश एए जोगलेकर ने उसे सजा सुनाई। अंसारी को अक्टूबर 2014 में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने गिरफ्तार किया था और वह इसके बाद से जेल में था। उसे भारतीय दंड संहिता की उचित धाराओं और सूचना तकनीक कानून के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया।