मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्तियों को हवाई अड्डे के पीछे स्थित समुद्र में पवित्र स्नान के लिए ले जाया जाता है। इस मार्ग से शोभायात्रा तब से निकाली जा रही है, जब कि यहां हवाई अड्डा नहीं बना था। हवाई अड्डा रनवे के बंद होने से पहले हर साल 2 बार एक नोट जारी करता है। यह कार्यक्रम साल में 2 बार अक्टूबर-नवंबर और मार्च-अप्रैल के बीच आयोजित होता है।