प्राप्त जानकारी के अनुसार आलीराजपुर के बोरी में प्रेम संबंधों के चलते पटेलिया समाज की एक लड़की अन्य समाज के लड़के के साथ चली गई और उसके साथ प्रेम विवाह कर लिया। पहले तो परिजनों ने उसे वापस लाने की भरसक कोशिश की, लेकिन जब लड़की नहीं मानी तो उन्होंने उसे मृत मानकर रिश्तेदारों के साथ मिलकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
इसके लिए बाकायदा एक अर्थी बनाई गई, उस पर लड़की का फोटो रखा गया और नगर में उसकी अर्थी निकालकर श्मशान घाट पर ले जाया गया, जहां पर उसका आदिवासी समाज के रीति-रिवाजों के साथ दाह संस्कार किया गया।