कर्नाटक में सुबह से शाम तक के लिए बुलाए गए बंद का सबसे अधिक असर मालप्रभा नदी बेसिन के अंतर्गत आने वाले उत्तरी जिलों में दिखाई दिया। कुछ सार्वजनिक सेवाओं के ठप पड़ने से अन्य इलाकों में भी जनजीवन प्रभावित हुआ। सरकारी बसें सड़कों से नदारद रहीं जिससे शहर के बाहर से आए लोग यहां प्रमुख बस अड्डे पर ही फंस गए। मैसूर, गडग, धारवाड़ और हासन से भी इसी तरह की रिपोर्टें मिल रही हैं।
कर्नाटक में विपक्षी दल भाजपा ने बंद को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए इसमें सत्तारूढ़ कांग्रेस की भूमिका होने का आरोप लगाया। उसने कहा कि यह जान-बूझकर ऐसे दिन किया जा रहा है, जब गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह यहां पार्टी रैली को संबोधित करने वाले हैं। इसी तरह बेंगलुरु में 4 फरवरी को बंद बुलाया गया है जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा है।
भाजपा के सांसद प्रताप सिम्हा ने मैसूर में पत्रकारों से बात करते हुए इसे सरकार प्रायोजित बंद करार दिया, दूसरी ओर गोवा के सरकारी कंदब ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केटीसीएल) ने बंद को देखते हुए कर्नाटक के लिए अपनी बस सेवाएं निलंबित कर दी हैं। केटीसीएल की बसें कर्नाटक की बेलगांवी, हुबली, बागलकोट, बेंगलुरु और अन्य स्थानों पर अपनी बसों का परिचालन करती हैं। बंद के मद्देनजर उसने अपनी बस सेवाएं निलंबित कर रखी हैं।