औरंगाबाद। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को यहां एक समारोह में केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे समेत कुछ नेताओं को 'पूर्व और संभावित भावी सहयोगी' कहकर संबोधित किया, जिससे बदलाव की अटकलों ने जन्म लिया है।
ठाकरे नीत शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा के साथ रिश्ते तोड़ लिए थे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। यहां एक समारोह में मंच पर उपस्थित नेताओं को ठाकरे ने 'मेरे पूर्व, वर्तमान और अगर हम साथ में आते हैं तो भावी सहयोगी' कहकर संबोधित किया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के भाजपा नेता दानवे और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री तथा कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट मंच पर मौजूद थे।
बाद में एक अन्य समारोह में ठाकरे ने साफ किया कि उन्होंने पूर्व और वर्तमान सहयोगी इसलिए कहा था क्योंकि मंच पर सभी दलों के नेता थे। उन्होंने कहा, अगर सब साथ आते हैं तो वे भावी सहयोगी भी बन सकते हैं। समय बताएगा।
शिवसेना नेता संजय राउत ने ठाकरे के बयान को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का भाव प्रदर्शित करते हुए कहा कि दानवे सभी के दोस्त हैं। उन्होंने कहा, जब वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष थे तो सबकुछ ठीक था। इस बयान में ऐसा कुछ नहीं है जिससे धरती हिल गई हो। जो हमारे साथ आना चाहते हैं, आ सकते हैं और भावी साथी बन सकते हैं। इसमें ज्यादा मतलब नहीं निकालना चाहिए।