ममता का शाह पर बड़ा आरोप, आदिवासी परिवार के घर पांच सितारा होटलों में पका भोजन किया

मंगलवार, 24 नवंबर 2020 (08:39 IST)
बांकुड़ा (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का हाल में दोपहर के भोज के लिए एक आदिवासी शख्स के घर जाना 'दिखावा' था और उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेता को परोसे गए खाद्य पदार्थ पांच सितारा होटलों में पका था।
 
बांकुड़ा में एक कार्यक्रम के दौरान बनर्जी ने एक आदिवासी शिकारी की मूर्ति को कथित रूप से गलती से स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की समझ लेने के लिए शाह पर प्रहार किया और कहा कि उनकी सरकार मुंडा की जयंती पर छुट्टी की घोषणा करेगी। भाजपा ने कहा कि वह मुंडा की ही मूर्ति थी और मुख्यमंत्री से कहा कि अपने तर्क को साबित करने के लिए आदिवासी नेता की तस्वीर दिखाएं।
ALSO READ: बंगाल सरकार पर गरजे शाह, ममता को हत्याओं पर श्वेत-पत्र लाना चाहिए, CAA लागू किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले हमारे माननीय गृहमंत्री यहां आए थे, जो दिखावा था। बासमती चावल, पोस्तोर बोरा जैसी खाने की चीजें पांच सितारा होटलों में बनी थीं जिन्हें दलित के घर ले जाया गया था। बाहर से एक ब्राह्मण को भी बुलाया गया था। इस महीने की शुरुआत में अपनी बंगाल यात्रा के दौरान शाह बांकुड़ा में एक आदिवासी और कोलकाता में एक मटुआ परिवार में गए थे।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोज से पहले परिवार के सदस्यों को सब्जियां काटते हुए दिखाया गया था लेकिन खाना बनाने के लिए असल में उनमें से किसी सामान का इस्तेमाल नहीं किया गया था। बनर्जी ने कहा कि मैंने अखबारों में देखा था कि बासमती चावल और पोस्तोर बोरा परोसा गया था। परिवार के सदस्यों को जिस धनिए की पत्तियों को काटते हुए दिखाया गया था, उनका इस्तेमाल किसी भी चीज में नहीं किया गया। इन दिनों लोग ये चीजें देख सकते हैं।
ALSO READ: ममता के गढ़ में अमित शाह की ललकार, बोले- 2 तिहाई बहुमत से बनेगी हमारी सरकार
उन्होंने यह भी दावा किया कि शाह की यात्रा से पहले घर को साफ किया गया था और उस पर नई पुताई भी कराई गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं यहां एक गांव गई, जहां तापसिली समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। वहां मैं खटिया पर बैठी और स्थानीय लोगों से मिली। मेरी यात्रा नियोजित नहीं थी। मैं सबसे मिली और उनकी जरूरतों के बारे में मालूम किया।
 
केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा बिरसा मुंडा की मूर्ति के तौर पर एक आदिवासी शिकारी की मूर्ति को माला पहनाने के संबंध में बनर्जी ने कहा कि ऐसी चीजों को सहन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मई 2019 में शाह की रैली के दौरान ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़े जाने का भी हवाला दिया और कहा कि यह 'अपमान' है।
 
बनर्जी ने कहा कि उन्होंने (शाह) ने एक ऐसी प्रतिमा को माला पहना दी, जो बिरसा मुंडा की नहीं थी। बाद मेंमैंने सुना कि लोग कह रहे थे कि यह एक शिकारी की प्रतिमा है। आप इस तरह से हमारा अपमान नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले साल से बिरसा मुंडा की जयंती पर सरकारी छुट्टी होगी। बनर्जी ने आलू और प्याज के दाम में बढ़ोतरी को लेकर भी केंद्र की आलोचना की जिन्हें सितंबर 2020 में पारित आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक में आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया गया था। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि यह संशोधन जमाखोरों के लिए लाया गया था।
 
उन्होंने कहा कि यदि वे (केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रहा दल पश्चिम बंगाल में) सत्ता में आते हैं, तो वे राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को तत्काल लागू करने की कोशिश करेंगे। वे आपके पिता, आपकी माता, आपके दादा और आपकी दादी का जन्म प्रमाण पत्र मांगेंगे। यदि आप उन्हें ये देने में नाकाम रहते हैं, तो आपसे बंगाल छोड़कर जाने को कहेंगे। 
ALSO READ: कैलाश ने कहा- मेरे फोटो पर डल सकती है कभी भी माला, ममता को बताया महामारी
भाजपा नेतृत्व ने आदिवासी परिवार के घर पर शाह द्वारा भोज करने पर नकारात्मक राजनीति करने के लिए बनर्जी की आलोचना की है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की हर मुद्दे पर राजनीति करने की आदत है। हमारी पार्टी के नेता अमित शाहजी ने जो खाना खाया था, वो उसी घर में बना था।
 
हाजरा ने कहा कि बनर्जी दावा कर रही हैं कि वह बिरसा मुंडा की प्रतिमा नहीं थी। मैं उनसे अनुरोध करना चाहूंगा कि अपने तर्क को साबित करने के लिए आदिवासी नेता की तस्वीर पेश करें। क्या तृणमूल कांग्रेस साबित कर सकती है कि जिस मूर्ति को माला पहनाई गई थी, वह बिरसा मुंडा की नहीं थी? इस तरह के हथकंडों से अब परिणाम नहीं मिलेंगे। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी