क्रिकेटर से नेता बने इमरान ने पाकिस्तान के आम चुनावों में अपनी पार्टी की जीत के बाद पहले सार्वजनिक संबोधन में कहा था कि वे भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार चाहेगी कि दोनों पक्षों के नेता कश्मीर सहित सभी अहम मसले बातचीत के जरिए सुलझाएं। नेशनल असेंबली के चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी पीटीआई के प्रमुख इमरान ने इस बात पर जोर दिया था कि दोनों पड़ोसियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला खत्म होना चाहिए।
महबूबा ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीपीपी) के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक रैली में कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करती हूं कि पाकिस्तान में नई सरकार बनेगी और नया प्रधानमंत्री होगा जिसने भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने (इमरान ने) वार्ता की बात कही है। उन्हें (मोदी को) इस पर सकारात्मक जवाब देना चाहिए।
महबूबा ने कहा कि चुनाव तो आते-जाते रहते हैं। (तत्कालीन प्रधानमंत्री) अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था और सीमा पर संघर्षविराम भी हुआ था। ये राजनेता जैसे गुण हैं, ऐसे नेता चुनावों के बारे में नहीं बल्कि लोगों के बारे में सोचते हैं। जम्मू-कश्मीर हमारे देश के प्रधानमंत्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। जम्मू-कश्मीर का मुद्दा सुलझाने और राज्य में खून-खराबा खत्म करने वाले प्रधानमंत्री का नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। (भाषा)