विजय शाह की फिसली जुबान, कहा- भाजपा न जीते इसकी जिम्मेदारी पार्टी ने मुझे दी

शनिवार, 2 अक्टूबर 2021 (23:03 IST)
भोपाल। खंडवा लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव कार्य में लगाए गए प्रदेश सरकार में वनमंत्री कुंवर विजय शाह अपने एक बयान को लेकर शनिवार को सोशल मीडिया में लोगों और विपक्षी दल कांग्रेस के निशाने पर आ गए। शनिवार को वह एक बयान में कह गए कि इस उपचुनाव में एक भी पोलिंग बूथ भाजपा न जीते इसकी जिम्मेदारी पार्टी ने उन्हें दी है।

इस बयान के सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के कुछ घंटे बाद ही शाह ने अपनी सफाई में एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि जल्दबाजी में, गलती से जुबान फिसल जाने की वजह से वह पहले वाला बयान निकल गया था और इससे कांग्रेस को खुश होने की जरूरत नहीं है।

दरअसल शाह ने शनिवार को अपने पहले वाले बयान में कहा, इस क्षेत्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं को बुलाकर हमने यह निवेदन किया है कि इस चुनाव में एक भी पोलिंग बूथ से भाजपा न जीते इसकी जिम्मेदारी पार्टी ने मुझे दी है। इसलिए 264 पोलिंग बूथों पर मैं स्वयं जाकर निवेदन करूंगा कि हम मोदी जी के हाथ मजबूत करें।

इस बयान के सोशल मीडिया पर आने के बाद शाह को अपनी गलती का भान हुआ और उन्होंने कुछ घंटों बाद ही ट्विटर पर स्पष्टीकरण देते हुए नया बयान जारी किया। अपने नए बयान में उन्होंने कहा, आज ओंकारेश्वर जाते वक्त बीड़ में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में मैंने कहा कि एक भी पोलिंग बूथ से भाजपा को हारना नहीं चाहिए। क्योंकि मैं जल्दी में था और जुबान फिसल जाने से भाजपा न जीते, ऐसा गलती से निकल गया। कांग्रेसी उसी को लेकर बड़े खुश हो रहे हैं।

शाह ने कहा, मैं दावा करता हूं कि मंधाता विधानसभा, जहां की जिम्मेदारी पार्टी ने मुझे दी है, अगर कांग्रेस यहां से जीत जाए तो जो भी शर्त हो, लगाने के लिए मैं तैयार हूं। जुबान फिसल जाने पर उक्त बात का बतंगड़ बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। कांग्रेसियों के बोलने से भाजपा हारने वाली नहीं है। हम कार्यकर्ता मिलकर ऐतिहासिक मतों से भारतीय जनता पार्टी को यहां से जिताएंगें।

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने शाह के बयान पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया, वाह मंत्री जी वाह... आप जल्दी में थे इसलिए आपने भाजपा को हरा दिया और जब जिताने में लग गए... वैसे भी दिन में इस तरह जुबान का फिसलना ठीक नहीं, एक बार रात में आपकी जुबान फिसली थी तो आपका मंत्री पद फिसल गया था... आप संवैधानिक पद पर हैं, शर्त-वर्त लगाना आपको शोभा नहीं देता।(भाषा)

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