उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के पंचगढ़ जिले की यह लड़की पैदल ही सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में आ गई और उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा प्रखंड में फतेहपुर सीमा चौकी के पास बीएसएफ के जवानों ने उसे देख लिया। किशोरी के एक रिश्तेदार ने फोन पर कहा कि वे इस्कॉन के भक्त हैं। कट्टरपंथियों ने उसे अगवा कर लेने एवं पूरे परिवार की हत्या कर देने की धमकी दी। वे उसे यहां भेजने की योजना बना रहे थे। वह भारत आने वाली थी, लेकिन हमें तारीख के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं मिली थी।
अमित शाह से हस्तक्षेप करने का अनुरोध : (किशोरी के भागकर भारत आ जाने की) इस घटना पर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस संबंध में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। दास ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया कि बांग्लादेश की एक नाबालिग लड़की के बारे में जानकर बहुत दुख और पीड़ा हुई, जो हताश होकर अकेले ही भारत में घुसने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसे बीएसएफ ने गिरफ्तार कर लिया और किशोर हिरासत गृह में भेज दिया।
दास ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर हम मदद की ऐसी गुहार को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं? सुरक्षा और प्यार की तलाश कर रही एक कमजोर बच्ची को हम कैसे ठुकरा सकते हैं? मैं विनम्रतापूर्वक और तत्काल गृहमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे करुणा और मानवता के भाव के साथ हस्तक्षेप करें और इस निर्दोष लड़की को उसके रिश्तेदारों के साथ रहने की अनुमति दें।(भाषा)