विधायक और महिला आईपीएस में ठनी, योगी तक पहुंचा मामला
गुरुवार, 11 मई 2017 (14:11 IST)
लखनऊ। वरिष्ठ भाजपा के नेता और गोरखपुर सदर से विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल तथा आईपीएस अधिकारी चारु निगम का विवाद आसानी से थमता नजर नहीं आ रहा है। इस विवाद की गूंज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार तक पहुंच गई है।
योगी ने अपनी कर्मभूमि गोरखपुर के इस विवाद का हल निकालने के लिए अग्रवाल को लखनऊ तलब कर लिया है और वह गुरुवार शाम मुख्यमंत्री से एनेक्सी स्थित उनके कार्यालय में मिलेंगे। अग्रवाल ने बताया कि योगी ने उन्हें बुलाया है। उनके अनुसार वह मुख्यमंत्री से मिलेंगे और गोरखपुर की जनता का पक्ष रखेंगे। योगी गोरखपुर से सांसद भी हैं।
उल्लेखनीय है कि आबादी के बीच शराब की दुकान खुलने से आक्रोशित महिलाओं ने गत सात मई को सड़क जाम कर दिया था। उनके समर्थन में अग्रवाल भी वहीं पहुंच गए थे। विधायक का कहना था कि पुलिस ने महिलाओं पर बल प्रयोग किया। बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया। इसी बात को लेकर उनकी निगम से बहस हो गई थी।
बहस के दौरान ही चारु निगम की आंखों से आंसू छलक गए थे। उन आंसुओं के कारण सुश्री निगम करीब सभी समाचार चैनलों और अखबारों की सुर्खियां बनी। इसके बाद, चारु निगम ने शायराना अंदाज में, 'मेरे आंसुओं को मेरी कमजोरी न समझा जाए' पंक्तियों के जरिये अपनी भावना फेसबुक पर व्यक्त की थी।
सुश्री निगम का कहना है कि उन्हें इस बाबत न तो अब कोई कार्रवाई करनी है और न ही कुछ कहना है। रास्ता जाम करने के आरोप में 13 नामजद और दो सौ से अधिक अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। मंगलवार को ही छह महिलाओं को गिरफ्तार कर बाद में छोड दिया गया था।
उधर, अग्रवाल ने गैर कानूनी शराब की दुकानों को बंद कराने को लेकर कल धरना देकर राजनीति गरम कर दी थी और इसी के बाद योगी के यहां से विधायक का बुलावा आ गया।
डॉ. अग्रवाल ने धरने पर बैठे लोगों को सम्बाधित करते हुए अवैध शराब कारोबारियों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया था। उन्होंने धरने को शराब बंदी के मुद्दे पर नागरिकों से ज्ञापन लेने का कार्यक्रम बताते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय का आदेश है कि राष्ट्रीय राजमार्गों से 500 मीटर की दूरी पर शराब की दुकान न खोली जाए।
उन्होंने कहा कि बावजूद इसके राष्ट्रीय राजमार्गो के पास, स्कूल और धार्मिक स्थलों के पास शराब की दुकाने खुल रही हैं जिसे पुलिस अधिकारी नजरअंदाज कर रहे हैं।
उन्होंने महिला पुलिस अधिकारी चारू निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि महिलाओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज कराना महिलाओं के अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि वह योगी आदित्यनाथ के शिष्य हैं और मुख्यमंत्री जिले के सांसद हैं। वह उनकी कमी गोरखपुर में महसूस नहीं होने देंगे। (वार्ता)