ओडिशा में Corona के 10000 से ज्यादा केस, 4 मरीजों की मौत

शुक्रवार, 14 जनवरी 2022 (18:03 IST)
भुवनेश्वर। ओडिशा में शुक्रवार को कोरोनावायरस (Coronavirus) के 10,273 नए मामले आए जो एक दिन पहले के मुकाबले 214 अधिक है। इसी के साथ राज्य में अब तक संक्रमित हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 11,11,879 हो गई है।
 
स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, गत 24 घंटे के दौरान चार मरीजों की संक्रमण से मौत हुई जो दो महीने में किसी एक दिन में हुई मौतों की संख्या के मामले में सबसे अधिक है। राज्य में इसके साथ ही महामारी से अब तक जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 8,476 हो गई है।
 
बुलेटिन के मुताबिक, शुक्रवार को संक्रमण दर बृहस्पतिवार के 12.41 प्रतिशत के मुकाबले 13.57 प्रतिशत दर्ज की गई। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि नए मामलों में कम से कम 1,065 संक्रमित बच्चे हैं। कुल नए मरीजों में करीब एक तिहाई यानी 3,496 मरीज खुर्दा जिले के हैं। इसके अलावा सुंदरगढ़ में 1,049, कटक में 844, संबलपुर में 529 और बालासोर में 457 नए मामले आए।
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ओडिशा में इस समय 53,171 उपचाराधीन मरीज हैं, जिनमें से 17,354 मरीज खुर्दा जिले के हैं। खुर्दा जिले के साथ-साथ सुंदरगढ़, संबलपुर और कटक जिलों को रेड जोन में शामिल किया गया है।
 
बुलेटिन के मुताबिक, करीब 2,500 उपरचाराधीन मरीजों वाले जिलों को रेड जोन में शामिल किया गया है। वहीं, एक हजार उपचाराधीन मरीजों वाले जिलों को येलो जोन में रखा गया है जिनमें पुरी, बालासोर और मयूरभंज शामिल हैं।
 
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि गत 24 घंटे के दौरान जान गंवाने वाले चार मरीजों में एक-एक कटक, भद्रक, सुंदरगढ़ और जगतसिंहपुर जिले के थे। इससे पहले पिछले साल आठ नवंबर को एक दिन में चार या इससे अधिक मौतें कोविड-19 से हुई थीं।
 
बुलेटिन के मुताबिक, गत 24 घंटे के दौरान 1,447 मरीज संक्रमण मुक्त हुए जिन्हें मिलाकर अबतक 10,50,179 मरीज महामारी को मात दे चुके हैं। इस बीच, कोरापुट से सांसद सप्तगिरि उल्का ने बताया कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और खुद को घर में अलग-थलक कर लिया है।
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उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया कि उन सभी लोगों से अनुरोध है जो गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, वे पृथकवास में चले जाएं और अपनी कोविड-19 जांच कराएं।
 
ओडिशा के स्वास्थ्य सेवा निदेशक बिजय महापात्र ने जोर देकर कहा है कि लोग अस्पतालों में भीड़ करने से बचे और जिन लोगों को हल्के लक्षण हैं वे टेलीमेडिसीन का इस्तेमाल करें बजाय अस्पतालों के बाह्य रोग विभाग में आकर इलाज कराने के।
 
उन्होंने कहा कि पूर्व में निर्धारित सर्जरी बाद में हो सकती है, लेकिन आपात प्रक्रिया नहीं रोकी जा सकती है। महापात्र ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के मुकाबले राज्य में मौजूदा संक्रमण दर के अनुपात में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या के मामले में स्थिति बेहतर है।

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