कहा जा रहा है कि उनके काम के कारण कुछ ऐसे क्लीनिक बंद हो गए थे और कई क्लीनिक पर भारी जुर्माना लगाया गया था। रिपोर्टिंग के दौरान, अविनाश को कई धमकियां भी मिली, उन्हें रिश्वत देने का भी प्रयास किया गया लेकिन वो अपना काम करते रहे।
अविनाश को आखिरी बार मंगलवार रात करीब 10 बजे बेनीपट्टी में लोहिया चौक के पास उनके घर के पास लगे सीसीटीवी की फीड पर देखा गया था। इस बीच उनके चचेरे भाई को सूचना मिली कि बेतून गांव से गुजरने वाले राजमार्ग पर एक शव मिला है। इसके बाद चेन, अंगूठी आदि की मदद से पहचान की गई।