देहरादून। नैनीताल मसूरी धनौल्टी जैसे हिल स्टेशन कि सैर को आए पर्यटक दूसरे दिन भी लंबे जाम से गुजरने के बाद मसूरी-नैनीताल और धनौल्टी पहुंचे। कोरोना की आरटी पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट, स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर पंजीकरण और होटल की बुकिंग न होने से मसूरी जा रहे करीब 1500 वाहनों को कोठालगेट से लौटा दिया गया। नैनीताल आ रहे कई पर्यटक जिनके पास कागजात पूरे नहीं थे, को कालाढूंगी रूसी और बल्दियाखान से लौटाया गया।
यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। वीकेंड पर आने वाले पर्यटकों को नियंत्रित करने से कुछ स्थानीय लोगों का कारोबार प्रभावित हुआ। कैंपटी क्षेत्र में शनिवार रात को हुई भारी बारिश से कैंपटी फॉल में पानी बढ़ गया था। इस कारण कैम्पटी की मुख्य झील में मलबा भर गया।
रविवार को कैंपटी में सैलानी तो आए, लेकिन पानी ज्यादा और गंदा होने के कारण उन्हें झरने के पास नहीं जाने दिया गया। कुछ सैलानियों ने दूर से ही फोटो खींची। सैलानियों की सुरक्षा के चलते रविवार को फॉल में नहाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार झरने में पानी के साथ पत्थर और मलबा आ रहा था। इससे सैलानियों को खतरा हो सकता था। कैंपटी फॉल में पानी बढ़ने से चार दुकानों को भी नुकसान हुआ है। साथ ही कैंपटी जाने वाली सीढ़ियों पर भी बोल्डर आ गए हैं।
भारी बारिश से नुकसान : बारिश से अल्मोड़ा जिले के मौलेखाल तहसील के मरचूला जो कि कार्बेट का समीपवर्ती क्षेत्र है, में रामगंगा नदी में नहाने उतरे मुरादाबाद निवासी पर्यटक पिता और पुत्र पानी के तेज बहाव में बह गए, जबकि 6 परिजनों की जान बच गई।नदी में बहे पिता पुत्र की ढूंढ खोज में स्थानीय गोताखोर लगे हैं। पौड़ी जिला प्रशासन को भी सूचित कर दिया गया है वहां बजरोटी में भी स्थानीय गोताखोरों की टीम लगाई गई है। ढूंढ खोज के लिए रामनगर से एसडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है।
मुरादाबाद के पूनम विहार बैंक कालोनी निवासी 30 साल के राजेश कुमार पत्नी, 2 बच्चों और भाई, उनकी पत्नी और 2 बच्चों के साथ कार्बेट नेशनल पार्क से लगे मरचूला क्षेत्र में रविवार सुबह घूमने आए थे। करीब 11 बजे सभी 8 परिजन रामगंगा नदी में नहाने के लिए उतरे। ऊपरी क्षेत्रों में बारिश होने से एकाएक नदी में बाढ़ आ गई और पानी का बहाव तेज हो गया।
6 परिजन तो किसी तरह नदी किनारे पहुंच गए, लेकिन राजेश कुमार से पुत्र कार्मिक (8) का हाथ छूटने से वह पानी के तेज बहाव में बहने लगा। पिता ने पुत्र को बाहर निकालने का काफी प्रयास किया। 2 नों काफी देर तक नदी के किनारे आने के लिए जूझते रहे। बाद में स्थानीय निवासी मुकेश भदोला और रोहित रस्सी लेकर उन्हें बचाने पहुंचे। उन्होंने रस्सी नदी में डाली राजेश और कार्मिक ने रस्सी पकड़ भी ली थी, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था की रस्सी उनके हाथ से छूट गई और पानी के तेज बहाव में पिता पुत्र दोनों बह गए।
बागेश्वर के गांव में मकान गिरने से 3 मरे : उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश आफत बनकर बरस रही है। बागेश्वर जिले कपकोट तहसील के सुमगढ़ इलाके के सुमगढ़ ऐठाण गांव के अठाबगड़ तोक में बारिश के कारण मकान के पीछे पहाड़ से आए मलवे में दबने से परिवार के 3 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मरने वालों में पति पत्नी और उनका एक बेटा शामिल हैं। सुमगढ़ ऐठाण गांव के अठाबगड़ तोक में रहने वाले गोविंद सिंह पुत्र प्रताप सिंह के मकान के पीछे शनिवार की आधी रात के बाद अचानक भूस्खलन हुआ और भारी मात्रा में तलबा मकान पर जा गिरा। हादसे के समय गोविंद सिंह उनकी पत्नी खष्टी देवी और बेटा हिमांशु सिंह घर पर सो रहे थे। मलबा मकान पर गिरा और पूरा मकान देखते ही देखते जमींदोज हो गया। मलबे में परिवार के 3ों सदस्य और गौशाला में बंधे उनके पशु दब गए।
राजमार्ग पर मलबा : दूसरी ओर रुद्रप्रयाग जिले में रविवार सुबह हुई भारी बारिश के चलते रुद्रप्रयाग- बद्रीनाथ राजमार्ग पर शिवानंदी(घोलतीर) गधेरे के ऊपर बादल फटने से भारी मलबा आ गया। जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। यहां पर मौजूद मजदूरों ने किसी तरह अपनी जान बचाई। हालांकि एक जेसीबी मशीन और 3 डम्पर गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।
सुबह 6 बजे के आसपास बादल फटने से शिवानंदी के पास में सड़क के किनारे पर NH की कार्यदाई कंपनी आरसीसी द्वारा क्रेशर प्लांट लगाया हुआ है, जबकि ऊपर से बरसाती नाला समय समय पर आता रहता है। आज सुबह हुई भारी बारिश के कारण यहां बादल फटने से यह नाला अपने साथ भारी मलवा लेकर आया,जिससे सड़क किनारे सड़क निर्माण कम्पनी के जमा पत्थर-गिटटी के कारण मलवा को निकलने का रास्ता न मिलने से सारा मलवा कम्पनी के ड़म्पिंग प्लांट में घुस आया। यहां पर खड़ी जेसीबी मशीने व 3 बड़े डंपर मलबे से छतिग्रस्त हो गए। हालांकि किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। फिलहाल यहां पर सड़क अवरुद्ध है। आपदा टीमों के साथ सड़क खोलने के प्रयास जारी है।