इस मामले में 16 आरोपियों में से 3 को 20 अप्रैल को सुनाए गए फैसले में दोषी करार दिया गया था। न्यायमूर्ति हर्ष देवानी और न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया की खंडपीठ ने 3 दोषियों पीजी राजपूत, राजकुमार चौमल और उमेश भड़वाड को 10 साल की कठोर सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
इसी अदालत द्वारा 20 अप्रैल को उन्हें दोषी ठहराए जाने पर तीनों दोषियों ने उनकी सजा की अवधि के सवाल पर आगे सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उनका सही तरीके से प्रतिनिधित्व नहीं हुआ था। अदालत ने सोमवार को तीनों दोषियों को सजा सुनाते हुए उन्हें 6 सप्ताह के भीतर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।