मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वी एम पंचोली की खंड पीठ ने इस कानून को चुनौती देने वाली करीब 40 याचिकाएं खारिज करते हुए गुजरात स्व-वित्तपोषित विद्यालय (शुल्क का नियमन) अधिनियम, 2017 बरकरार रखा है।
अधिनियम में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए क्रमश: सालाना 15,000, 25,000 और 27,000 शुल्क तय है। (भाषा)