पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली सुखदास और केशू वर्ष 2008 में नक्सली संगठन में भर्ती हुए थे। प्रारंभ में ये नक्सली सदस्यों और नेताओं के लिए गांवों से चावल, दाल और अन्य सामग्री एकत्र करते थे। बाद में वर्ष 2010 में सुखदास को सोनपुर दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, वहीं केशू को सोनपुर मिलिशिया का कमांडर बनाया गया।
इन नक्सलियों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, पुलिस दल पर हमला समेत कई मामले दर्ज हैं। नक्सलियों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर कार्य करना चाहते हैं इसलिए उन्होंने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।