दायर परिवाद में कहा गया था निर्मल बाबा द्वारा बताए गए उपाए से उसे लाभ नहीं हुआ, बल्कि उसका स्वास्थ खराब हो गया। परिवाद की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने निर्मल बाबा के खिलाफ परिवाद दायर किया था। निर्मला बाबा ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ मिल गया था।
परिवाद की सुनवाई के दौरान जिला न्यायालय ने बाबा के कार्यक्रमों के प्रसारण में रोक लगा दी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी। दोनों याचिकाओं पर उभय पक्ष की दलील सुनने के बाद एकलपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।