गोस्वामी को बुधवार को, वर्ष 2018 में एक वास्तुकार और उसकी मां की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर अलीबाग के एक स्थानीय अदालत में पेश किया था, जहां उन्हें 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गोस्वामी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ मामले को खारिज करने का आग्रह किया था, लेकिन अदालत ने कहा कि जब तक अक्षता नाइक (वास्तुकार अन्वय नाइक की पत्नी) समेत अन्य उत्तरदाताओं को नोटिस भेजा नहीं जाता और उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता तब तक गोस्वामी को कोई राहत नहीं दी जा सकती।
गोस्वामी के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत में तर्क दिया कि उनके पेशे के आधार पर पत्रकार के खिलाफ कई मामले लंबित हैं। वकील ने कह कि इन्हें अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया और फिर विस्तार से मामले को सुना जाए। अगर गोस्वामी को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो क्या महाराष्ट्र में आकाश गिर जाएगा, लेकिन अदालत ने गोस्वामी को कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया। (वार्ता)