अदालत ने यह भी कहा था कि चार अक्टूबर को उसने विशेष तौर पर यह कहा था कि माल्या अधिकारियों से संपर्क करके भारत लौटने से जुड़े आपात दस्तावेज हासिल कर सकते हैं लेकिन उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। कथित तौर पर लंदन में प्रवास कर रहे माल्या ने अदालत के समक्ष नौ सितंबर को कहा था कि वह भारत लौटना चाहते हैं लेकिन पासपोर्ट निरस्त कर दिए जाने की वजह से नेक इरादा होने के बावजूद लौट पाने में अक्षम हैं।
निदेशालय के अनुसार, माल्या को दिसंबर 1995 में लंदन की कंपनी बेनेटन फार्मूला लिमिटेड के साथ हस्ताक्षरित एक अनुबंध के सिलसिले में पूछताछ के लिए चार बार समन किया गया। यह अनुबंध किंगफिशर ब्रांड के विदेशों में प्रचार के लिए किया गया था।