Fatehpur Row : फतेहपुर में क्यों मचा बवाल, ईदगाह में बने मकबरे का क्या है विवाद, हिन्दू संगठनों ने क्यों लहरा दिया भगवा झंडा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 11 अगस्त 2025 (19:57 IST)
उत्तरप्रदेश में संभल के बाद अब फतेहपुर में नया विवाद सामने आया है। सोमवार सुबह बजरंग दल, हिन्दू महासभा सहित कई हिन्दू संगठनों ने ईदगाह में बने मकबरे पर पहुंचकर भगवा लहरा दिया। पुलिस ने पहले से मकबरे के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी थी। पुलिस ने लाठियां चलाकर भीड़ को खदेड़ना शुरू किया। बवाल इतना बढ़ा कि 10 थानों की फोर्स बुलाई गई। 
 
इसके बाद हिन्दू संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता मकबरे से 500 मीटर दूर डाक बंगला चौराहे पर जाम लगा दिया। सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने मकबरे को मंदिर बताकर तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी। कुछ युवकों ने मकबरे की छत पर चढ़कर भगवा झंडा लगा दिया।
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मकबरे को लेकर क्या है दावा  
  हंगामा करने वालों का दावा था कि कई सदी पुराना नवाब अबू समद का मकबरा जहां स्थित है, वहां पहले कभी मंदिर हुआ करता था। इस मामले में विपक्ष द्वारा सरकार को घेरे जाने के बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया है और विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति न करे।
 
बहरहाल, घटना का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें बड़ी संख्या में लोग पुलिस और सुरक्षा बलों की मौजूदगी में मकबरे के अंदर घुसकर नारेबाजी, हंगामा, तोड़फोड़ करते और भगवा झंडा फहराते नजर आये।
 
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी थी कि वह हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ 11 अगस्त को उस जगह पर पूजा-अर्चना करेंगे। उन्होंने दावा किया था कि सदियों पुराना यह ढांचा एक मंदिर है जिसमें एक 'शिवलिंग' है।
 
फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने कहा कि वह घटना की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''इस बात की जांच की जा रही है कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भीड़ मकबरे में कैसे घुस गई और कानून को अपने हाथ में कैसे ले लिया। इस मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।''
 
अधिकारियों ने बताया कि इलाके में तनाव के चलते कोतवाली, राधानगर, मालवान और हुसैनगंज सहित कई थानों की पुलिस तैनात कर दी गयी है।
 
पाल ने धमकी दी थी कि अगर प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे विरोध प्रदर्शन शुरू कर देंगे। उन्होंने दावा किया था कि यह जगह 'ठाकुर जी' का मंदिर था, जिसे 'आक्रांताओं' ने मकबरे में बदल दिया था।
 
उन्होंने दावा किया था कि ढाँचे के अंदर त्रिशूल और कमल जैसे प्रतीक हिंदू मंदिर के प्रतीक हैं और वे किसी मकबरे में कभी नहीं पाए जाते।
 
पुलिस अधीक्षक ने पहले कहा था कि प्रशासन मामले को गंभीरता से ले रहा है और मकबरा स्थल और उसके आसपास पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
 
उन्होंने कहा, ''हम शांति सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।'' उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी रवींद्र सिंह भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
 
इस बीच, स्थानीय हिंदू धार्मिक नेताओं और सामुदायिक समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था 'मठ-मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति' ने जिलाधिकारी सिंह को एक ज्ञापन सौंपकर हस्तक्षेप की मांग की है। समिति ने आरोप लगाया कि ‘‘मंदिर’’ बेहद जर्जर स्थिति में है, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और शहर की सांस्कृतिक विरासत दोनों को खतरा है।
 
दूसरी ओर, राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने भी जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर प्रशासन से मकबरे के ऐतिहासिक स्वरूप से छेड़छाड़ न करने का आग्रह किया है।
 
मकबरे के मुतवल्ली मोहम्मद नफीस ने बताया कि यह इमारत लगभग 500 साल पुरानी है और इसे बादशाह अकबर के पौत्र ने बनवाया था तथा इसमें अबू मोहम्मद और अबू समद की कब्रें हैं।
 
इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने की कोशिश की है।
 
उन्होंने मीडिया को बयान देने के बाद 'एक्स' पर पोस्ट किया, ''फतेहपुर में घटी घटना, तेज़ी से ख़त्म होती भाजपा की निशानी है। जब-जब भाजपा और उनके संगी साथियों की पोल खुलने लगती है, तब-तब सौहार्द बिगाड़ने की साज़िश की जाती है। जनता अब इस भाजपाई चाल को समझ गयी है। अब ऐसी करतूतों में जनता न तो अटकेगी और न ही इन घटनाओं से भटकेगी।''
 
यादव ने कहा, ‘‘देखना ये है कि इस घटना के दोषियों की शिनाख़्त लखनऊ के ड्रोन करेंगे या दिल्लीवालों के ड्रोन। सामाजिक एकता ज़िंदाबाद।’’'
 
उधर, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विपक्षी दलों से इस मुद्दे पर राजनीतिक 'रोटियां' सेंकने से बचने की अपील की है। पाठक ने एक बयान में कहा कि सरकार ने फतेहपुर की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ''दोनों पक्षों को तथ्यों से अवगत कराकर स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है। साथ ही 10 थानों की पुलिस, पीएसी और प्रशासन की टीमों की तैनाती करके शांति और एकता सुनिश्चित की गई है।''
 
उन्होंने दावा किया कि फतेहपुर में स्थिति पूरी तरह सामान्य है और पुराने ढांचे पर दावा करने वाले लोग शांतिपूर्वक तितर-बितर हो गए हैं। उन्होंने विपक्षी दलों से राजनीतिक रोटियाँ सेंकने से बचने की अपील की।
 
उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा कभी भी नफरत फैलाने की राजनीति नहीं करती। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का ‘विजन’ (दृष्टि) ‘‘किसी का तुष्टिकरण नहीं, सबका संतोष’’ है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार के साढ़े आठ साल के कार्यकाल में दंगों पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया है, जिसे समाजवादी पार्टी बर्दाश्त नहीं कर सकती।
 
पाठक ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके सहयोगी बार-बार ऐसे बयान देते हैं जिनसे सामाजिक ताने-बाने के टूटने का खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए हिंदू-मुस्लिम विवादों को हवा दे रही है और अखिलेश जैसे नेता अशांति पैदा करने के लिए अफवाहें फैलाते हैं।इनपुट भाषा   Edited by : Sudhir Sharma

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