अधिकारियों ने बताया कि पुरानी गुफा केवल जनवरी और फरवरी के दौरान खोली जाती है, जब भीड़ बहुत कम होती है। शेष महीनों में तीर्थयात्रियों को गर्भगृह तक पहुंचने के लिए नई गुफाओं से होकर गुजरना पड़ता है। अधिकारियों ने बताया कि हर साल मकर संक्रांति के बाद तीर्थयात्रियों के लिए यह प्राकृतिक गुफा खोली जाती है।
श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार ने कहा कि गुफा अब दर्शन की खातिर तीर्थयात्रियों के लिए खोल दी गई है। अधिकारी ने कहा कि उपसंभागीय मजिस्ट्रेट को भीड़ को देखते हुए पुरानी गुफा से दर्शन को विनियमित करने के लिए अधिकृत किया गया है ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो।