पहली छुट्टी ही बनी आखिरी : सैन्य अधिकारी की आतंकियों ने की हत्या

बुधवार, 10 मई 2017 (19:09 IST)
श्रीनगर। घर के लिए उसकी पहली ही छुट्टी एक युवा सैन्य अधिकारी की आखिरी छुट्टी साबित हुई। जिस शादी समारोह में शामिल होने के लिए वह बड़े चाव से छुट्टी लेकर आया था, उसी समारोह में आए लोगों को उसके जनाजे में शामिल होना पड़ा।

कुलगाम जिले के रहने वाले 23 वर्षीय लेफ्टिनेंट उमर फैयाज 2 राजपुताना राइफल्स में तैनात थे और अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए उन्होंने छुट्टी ली थी। वह छुट्टी पर थे जब बीती रात यहां से करीब साठ किलोमीटर दूर कुलगाम के हरमैन इलाके में उनके घर से उनका अपहरण कर लिया गया। युवा अधिकारी का शव बाद में उनके घर से तीन किलोमीटर दूर पाया गया। 

दक्षिणी कश्मीर के अशमुकम में नवोदय विद्यालय से पढ़ाई करने वाले फैयाज ने पिछले साल दिसंबर में कमीशन लेने के बाद सेना से जुड़े थे। वह पुणे स्थित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 129वें बैच के कैडेट थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहला मौका था जब सेना में शामिल होने के बाद उन्होंने छुट्टी ली थी। उन्हें जम्मू के अखनूर इलाके में स्थित अपनी यूनिट में 25 मई को वापस आना था।
 
शव के परीक्षण में उनके शरीर पर निशान मिले हैं, जिससे संकेत मिलता है कि उन्होंने संदिग्ध आतंकवादियों का विरोध किया था जिन्होंने उनका अपहरण किया। उन्हें बेहद करीब से गोली मारी गई और गोलियां उनके सिर, पेट और सीने में लगी हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि रात करीब आठ बजे नौ नकाबपोश लोग घर में घुसे। उन्होंने निहत्थे लेफ्टिनेंट फैयाज से अपने साथ चलने को कहा और परिवार को धमकी दी कि पुलिस को सूचित न करें।
 
लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या से स्थानीय लोगों में गुस्सा है और उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाने की मांग की। दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के लिए जिम्मेदार विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर इन कमांड मेजर जनरल बी एस राजू ने अपनी सभी इकाइयों को आसपास के इलाकों में हत्यारों की तलाश के लिए अभियान शुरू करने को कहा है।
 
सैन्य अधिकारी के शव को पूरे सैनिक सम्मान के सुपुर्द-ए-खाक किया गया और इसमें उसके गांव के कुछ लोग भी शामिल हुए। रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने अपहरण और हत्या को कायरता का ‘नृशंस कृत्य’ करार दिया। जेटली ने अपने ट्वीट में कहा, ‘जम्मू कश्मीर का यह युवा अधिकारी एक प्रेरणास्त्रोत था।’(भाषा) 

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