भारत और PAK के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे Donald Trump, बोले- मैंने मदद की

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 15 मई 2025 (20:30 IST)
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने ही बयान से पलट गए। ट्रन ने दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को उन्होंने ‘मध्यस्थता’ कर सुलझाया, लेकिन अब कतर के दोहा में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ‘मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने मध्यस्थता की, लेकिन मैंने जरूर मदद की।
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विपक्ष ट्रंप का बयान आने के बाद से ही संसद का सत्र बुलाकर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रहा है। ट्रंप भी अपने पुराने बयान को कई बार दोहरा चुके हैं। यह पहली बार है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान में मध्यस्थता से इनकार किया है। 
 
ट्रंप के इस यू-टर्न ने एक बार फिर उनकी कूटनीतिक भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि भारत सरकार ने शुरुआत से ही इस दावे को सिरे से खारिज किया था। ट्रंप ने दावा किया कि पाकिस्तान और भारत दोनों ‘बहुत खुश’ हैं और अब दोनों व्यापार पर बात कर रहे हैं, लेकिन इसी बातचीत के दौरान वे खुद ही उलझते दिखे। दरअसल इसके बाद उन्होंने कहा कि ये लोग 1000 सालों से लड़ते आ रहे हैं, मैं नहीं जानता क्या मैं इसे सुलझा सकता हूं। यह काफी कठिन मामला है। 
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अमेरिकी सैनिकों को कर रहे थे संबोधित
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव “खत्म करने में मदद” की। कतर में अल-उदीद वायुसेना अड्डे पर अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि वैसे तो मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने ऐसा किया, लेकिन मैंने पिछले हफ्ते पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव खत्म करने में निश्चित रूप से मदद की, जो लगातार बढ़ता जा रहा था।”
 
उन्होंने कहा कि अचानक आपको अलग तरह की मिसाइल (दोनों देश‍ों में तनाव) नजर आती हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इसे (तनाव को) खत्म करने में मदद की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि जब मैं दो दिन बाद यहां से जाऊंगा तो मुझे यह सुनने को नहीं मिलेगा कि यह बरकरार है, हालांकि मुझे लगता है कि समाधान हो चुका है। पिछले शनिवार के बाद से यह छठी बार है, जब ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान “संघर्ष-विराम” के लिए राजी हुए।
 
भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर नौ आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए। भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर जवाबी कार्रवाई की।
 
दोनों देशों में 10 मई को सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से पूर्ण रूप से रोकने की सहमति बनी। भारत सरकार के सूत्र लगातार कह रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत में जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति बनी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस कवायद में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था।
 
कतर में अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों से “व्यापार” के बारे में बात की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हंसते हुए कहा, “चलिए, युद्ध के बजाय व्यापार करें। पाकिस्तान इससे बहुत खुश था, भारत भी इससे बहुत खुश था। मुझे लगता है कि वे इस रास्ते पर हैं, आप जानते हैं, वे लगभग 1,000 वर्षों से लड़ रहे हैं।” उन्होंने कहा, “तो मैंने कहा, आप जानते हैं, मैं इसे सुलझा सकता हूं। मैं कुछ भी सुलझा सकता हूं। मुझे इसे ठीक करने दें। चलिए, हम आपको साथ लाते हैं। आप कब से लड़ रहे हैं? लगभग 1,000 साल से। ओह, यह बहुत लंबा समय है।”
 
ट्रंप ने कहा, “मैं इस बारे में आश्वस्त नहीं था। मैं समझौता कराने को लेकर आश्वस्त नहीं था। यह एक कठिन काम था। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं, लेकिन हमने इसे सुलझा दिया। हर कोई बहुत खुश था। मैं आपसे कह रहा हूं कि ऐसा लग रहा था कि यह वास्तव में नियंत्रण से बाहर होने वाला था।”
 
ट्रंप ने बीते शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान “अमेरिका की मध्यस्थता में रात भर चली बातचीत” के बाद “पूर्ण और तत्काल संघर्ष-विराम” पर सहमत हो गए हैं। बाद में एक अन्य पोस्ट में ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे के “समाधान” के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की थी। उन्होंने संघर्ष रोकने का “ऐतिहासिक और साहसी फैसला” लेने में दोनों देशों की मदद करने का श्रेय वाशिंगटन को दिया था। नई दिल्ली ने हमेशा यही कहा है कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के दखल की कोई गुंजाइश नहीं है।
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भारत ने तीसरे देश की भूमिका से किया इंकार 
भारत और पाकिस्तान के बीच 'संघर्ष विराम' की सबसे पहले जानकारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हो गया है। उनका दावा था कि रातभर चली बातचीत में अमेरिका ने मध्यस्थता की। उन्होंने लिखा था कि यह अमेरिका की मध्यस्थता में रातभर चली बातचीत' के बाद हुआ। उन्होंने इसके लिए भारत और पाकिस्तान को बधाई दी थी। उनके इस पोस्ट के बाद ही भारत और पाकिस्तान ने संघर्ष विराम की घोषणा की। ट्रंप की इस घोषणा का भारत सरकार ने खंडन किया। सरकार का कहना था कि इस संघर्ष विराम में किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं है। सरकार ने कहा कि संघर्ष विराम का प्रस्ताव लेकर पाकिस्तान आया था। Edited by: Sudhir Sharma

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