हिजाब मामले में हाईकोर्ट के फैसले का विरोध, कर्नाटक में बंद का किया ऐलान
गुरुवार, 17 मार्च 2022 (00:36 IST)
बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय के हिजाब को लेकर सुनाए गए फैसले से नाराज मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने आज 'कर्नाटक बंद' का आह्वान किया है। गौरतलब है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुस्लिम छात्राओं की ओर से दायर उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें शिक्षण अवधि के दौरान शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग की गई थी।
न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब पहनना इस्लाम के तहत आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है और विद्यालय के यूनिफॉर्म का निर्धारण केवल एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र-छात्राएं आपत्ति नहीं कर सकते। न्यायालय की पीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास इस संबंध में आदेश जारी करने का अधिकार है।
अदालत के फैसले से खफा मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने आज कर्नाटक बंद का आह्वान किया है। मुस्लिम नेताओं ने स्वैच्छिक बंद का ऐलान किया है। आज के बंद में शामिल होने के लिए पूरे राज्य व्यापार मंडल को भी निर्देश दिया गया है।
मुस्लिम नेता सगीर अहमद ने बुधवार को घोषणा की कि वह आज मुस्लिम समुदाय के मौलवियों के साथ बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि बंद के लिए किसी से कोई जोर-जबरदस्ती नहीं करना है। अल्पसंख्यक समुदाय के राजनीतिक नेता मंगलवार को हिजाब पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे।
बैठक अमीर ए शरीयत के आवास पर हुई। बैठक में सलीम अहमद, जमीर अहमद खान, यूटी खादर, एनए हैरिस, नजीर अहमद, रहमान खान, खानिज फातिमा और अन्य ने भाग लिया था। अदालत के फैसले के बाद छात्रों द्वारा दिए गए बयान पर मौलवियों ने आपत्ति जताई है। उनका रवैया ठीक नहीं है, उन्हें मार्गदर्शन की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले से घबराने की जरूरत नहीं है। वर्दी को आदेश का पालन करने के लिए कहा गया है। हमें भी उच्चतम न्यायालय में जाने की इजाजत है। कांग्रेस नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से बात हो चुकी है। आमिर ए शरीयत ने कल सभी नेताओं को सलाह दी कि वे समाज में अनावश्यक भ्रम पैदा न करें।
अमीर-ए-शरियत ने किया शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान : कर्नाटक में सभी मुस्लिम संस्थाओं के शीर्ष अमीर-ए-शरियत ने हिजाब मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर राज्य में गुरुवार को बंद का आह्वान किया है।अमीर-ए-शरियत ने सभी मुस्लिम संस्थाओं से किसी भी दुकान को जबरदस्ती बंद किए बिना शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आह्वान किया।
इसी बीच, उडुपी के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की जिन छह मुस्लिम छात्राओं की याचिका अदालत ने खारिज कर दी, वे बुधवार को कक्षा में उपस्थित नहीं रहीं। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि हिजाब इस्लाम में अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है, इसलिए छात्राओं को सरकार द्वारा निर्देशित ड्रेस कोड का पालन करना होगा।
शिवमोग्गा जिले में 15 मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर कालेज पहुंचीं लेकिन उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। अंतत: छात्राओं को घर लौटना पड़ा। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को हिजाब मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को स्वीकार किया है।(वार्ता)