गोवा में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में बने रहने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सक्रिय भूमिका में थे। सहयोगी दलों के समर्थन से भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। भाजपा ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के मुखिया और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक को उपमुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के 3, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के 3 और 3 निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा विधायकों की बैठक रविवार के अलावा सोमवार को भी हुई। सोमवार की बैठक में नितिन गडकरी ने हिस्सा लिया और 2 उपमुख्यमंत्री के फॉर्मूले के साथ 40 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 12 विधायक होने बाद भी वह सत्ता पर काबिज होने रही है जबकि इस समय कांग्रेस 14 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी सत्ता पाने का सपना पूरा नहीं कर पाई है।
गोवा कांग्रेस के सभी विधायकों ने सोमवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की और तटीय राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में सभी 14 कांग्रेसी विधायक राजभवन गए और सिन्हा को यह कहते हुए एक पत्र सौंपा था कि उनकी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है और उन्हें सरकार बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए लेकिन भाजपा के 2 उपमुख्यमंत्री के दांव ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।