विज्ञप्ति के अनुसार गुजराती के प्रतिष्ठित उपन्यासकार गांधीवादी चौधरी का जन्म वर्ष 1938 में हुआ। उन्होंने कविता, नाटक जैसी अन्य साहित्यिक विधाओं में भी महत्वपूर्ण लेखन किया है। उनके साहित्य सृजन पर गोवर्धनराम त्रिपाठी, काका कालेलकर, सुरेश जोशी, प्रो. रामदरश मिश्रा और प्रो. जी. एन. डिकी का प्रभाव दिखाई देता है। वह कई पत्र-पत्रिकाओं से स्तंभकार के रूप में भी जुड़े रहे हैं।
चौधरी से पहले गुजराती में यह पुरस्कार 1967 में उमा शंकर जोशी, 1985 में पन्नालाल पटेल और वर्ष 2001 में राजेंद्र शाह को दिया गया था। वर्ष 2014 का ज्ञानपीठ पुरस्कार मराठी साहित्यकार भालचंद्र नेमाड़े को प्रदान किया गया था। पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयाली साहित्यकार जी. शंकर कुरूप को वर्ष 1965 में दिया गया था।