स्टालिन की यह अपील द्रमुक की उसी परंपरा का हिस्सा है, जब उनके पिता दिवंगत एम. करुणानिधि ने नेतृत्व की कमान संभालने के लिए इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी को आमंत्रित किया था। द्रमुक अध्यक्ष यहां एक रैली को संबोधित कर रहे थे जिसमें आंध्रप्रदेश और केरल के मुख्यमंत्रियों क्रमश: एन. चन्द्रबाबू नायडू और पी. विजयन ने भी भाग लिया। भाजपा की अगुवाई वाले राजग से संबंध तोड़ने के बाद से ही नायडू अगले संसदीय चुनाव के लिए भाजपा विरोधी एक महागठबंधन बनाने के प्रयासों में लगे हैं।
स्टालिन ने बीते समय को याद करते हुए कहा कि दिवंगत इंदिरा गांधी के प्रति समर्थन जाहिर करते हुए करुणानिधि ने 1980 में ऐलान किया था कि 'पंडित नेहरू की बेटी का स्वागत है। एक स्थायी सरकार दें।' इसी प्रकार उन्होंने 2004 में सोनिया गांधी को यह कहते हुए निमंत्रित किया था कि 'इंदिरा गांधी की बहू का स्वागत है, भारत की बेटी जीतनी चाहिए।'
स्टालिन ने कहा कि 2018 में थैलाइवार कैलंगनार की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर मैं प्रस्ताव करता हूं कि हमें दिल्ली में एक नया प्रधानमंत्री बनाना चाहिए। हम एक नया भारत बनाएंगे। थैलाइवार कैलंगनार का बेटा होने के नाते मैं तमिलनाडु से राहुल गांधी की उम्मीदवारी का प्रस्ताव करता हूं। यहां अन्ना अरिवलयम में द्रमुक के मुख्यालय पर करुणानिधि की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किए जाने के बाद रैली का आयोजन किया गया था।
स्टालिन ने कहा कि राहुल में फासीवादी नाजी मोदी सरकार को परास्त करने की क्षमता है। मैं मंच पर मौजूद सभी सम्मानित पार्टी नेताओं से अपील करता हूं कि हम राहुल गांधी के हाथ मजबूत करेंगे, हम देश को बचाएंगे। (भाषा)