सीमा सुरक्षा बल ने इस चुनौती का सामना करने के लिए संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा ग्रिड को और पुख्ता बनाया है। नदी-नालों से लगते इलाकों में अतिरिक्त कंटीली तारें बिछाई गई हैं। इसके साथ इन जगहों पर घुसपैठ को रोकने के लिए बेतहर तकनीकी सर्विलांस का सहारा लिया जा रहा है। संवेदनशील जगहों पर जवानों की तैनाती बढ़ाने के साथ ड्रोन की मदद से भी सरहद के हर हिस्से पर नजर रखी जा रही है। कई स्थानों पर पहली बार बारूदी सुरंगें भी बिछाई हैं।
सीमा पर घुसपैठ को नाकाम बनाने की दिशा में सीमा सुरक्षा बल ने अहम भूमिका निभाई है। जब पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण पाकिस्तानी रेंजर्स की बुनियाद हिला रहा तो उस समय सीमा सुरक्षाबल सीमा से सटे इलाकों की सफाई कर रही थी। पाकिस्तान की ओर से ऐतराज करने, गोलीबारी करने के बाद भी सीमा प्रहरियों की मुहिम चलती रही है। ऐसे में सांबा सेक्टर में बसंतर नदी के पास सीमा सुरक्षाबल ने 500 कनाल जमीन से सरकंडे हटाकर इसे खेती लायक बना दिया। यह वही जगह थी। यहां बाढ़ से फैंसिंग को नुकसान होने के बाद सरकंडों की आड़ में घुसपैठ की कोशिशें होती थी।
सीमा सुरक्षाबल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवाद के समूल नाश के लिए बनी रणनीति के तहत सेना, सीमा सुरक्षा बल व जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर काम कर रहे हैं। सरहद पर घुसपैठ पर अंकुश लगाने के बाद सक्रिय आतंकवादियों को मार गिराने के साथ जमीनी पर उन्हें सहयोग देने वाले ओवरग्राउंड वर्करों को निष्क्रिय किया जा रहा है। यह रणनीति कारगर साबित हो रही है। हताशा में आतंकवादियों का कश्मीर में आम लोगों को निशाना बनाना इसका सबूत है। आने वाले दिनों में आतंकवादियों को घेरने के दायरे को और सख्त बनाया जाएगा।