संथारा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

मंगलवार, 11 अगस्त 2015 (07:58 IST)
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने जैन धर्म के धार्मिक रिवाज ‘संथारा’ (मृत्यु तक उपवास) को अवैध बताते हुए उसे भारतीय दंड संहिता 306 तथा 309 के तहत दंडनीय बताया।

अदालत ने कहा, 'संथारा या मृत्यु पर्यंत उपवास जैन धर्म का आवश्यक अंग नहीं है।' इसे मानवीय नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह मूल मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।

वकील निखिल सोनी ने वर्ष 2006 में ‘संथारा’ की वैधता को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की थी।

याचिका दायर करने वाले के वकील ने ‘संथारा’, जो कि अन्न जल त्याग कर मृत्यु पर्यंत उपवास है, को जीवन के अधिकार का उल्लंघन बताया था। (भाषा)

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