पत्नी से बलात्कार कराने पर पति को 10 साल की कैद

सोमवार, 24 नवंबर 2014 (21:43 IST)
नई दिल्ली। अपनी पत्नी से बलात्कार करने के लिए अपने एक दोस्त को उकसाने के मामले में दिल्ली की अदालत ने पति को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने पीड़िता के बयान और उसकी मेडिकल रिपोर्ट पर के आधार पर यह फैसला सुनाया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमसी गुप्ता ने पीड़िता के पति और उसके दोस्त को जेल की सजा सुनाई तथा प्राथमिकी दर्ज कराने में की गई देर की उनकी दलील खारिज करते हुए कहा, ‘प्राथमिकी दर्ज कराने में देर होना बलात्कार जैसे मामलों में एक सामान्य स्थिति है’ क्योंकि पीड़िता मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने में हिचकिचाती है।
 
उन्होंने कहा कि बलात्कार या किसी महिला का शील भंग किए जाने से मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराने में देर होना एक सामान्य बात है क्योंकि पीड़िता या उनके सगे संबंधी पुलिस के पास शिकायत करने से पहले स्वभाविक रूप से दो बार सोचते हैं। 
 
अदालत ने कहा कि शिकायत दर्ज कराने से पहले पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के मन में कई सवाल आते हैं। भारत के परंपरागत समाज में महज इस आधार पर अभियोजन के मामले को खारिज करना असुरक्षित होगा।
 
पीड़िता के बयान पर भरोसा जताते हुए अदालत ने कहा उसके पूरे बयान का विश्लेषण करने पर यह निकल कर आता है कि उसने जो दृश्य पेश किया है उसमें आरोपी उस पर हुए अपराध का साजिशकर्ता रहा होगा। 
 
अदालत ने यह भी कहा कि पीड़िता के बयान उसकी मेडिकल रिपोर्ट के अनुरूप हैं जिससे यह साबित होता है कि उसके साथ बलात्कार हुआ था और उसे पीटा गया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक 21 अप्रैल 2011 को पीड़िता के पिता ने नरेला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। 
 
पीड़िता के पिता को अपनी 16 साल की बेटी का पिछले पांच छह महीने से कुछ अता-पता नहीं चल पाया था। पुलिस ने लड़की को यहां एक रेलवे स्टेशन पर दोनों आरोपियों के साथ पाया था।
 
लड़की ने पुलिस के समक्ष अपने बयान में कहा कि वह इस युवक से शादी करने के लिए उसके साथ अपनी मर्जी से भागी थी। हालांकि, उसने आरोप लगाया कि उसका पति उसे अपने दोस्त के पास भेजा करता था, जहां उसे कैद रखा जाता था और बार बार बलात्कार किया जाता था तथा पीटा जाता था।
 
इस लड़की ने आगे बताया कि एक बार मौका पाकर वह भाग निकली और उसने अपने रिश्तेदार को फोन किया। इस रिश्तेदार ने उसके पिता और पुलिस को सूचित किया। इसके बाद ही लड़की को छुड़ाया जा सका। (भाषा)

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