43वें दिन भी कश्मीर कर्फ्यू और हिंसा से बेहाल

श्रीनगर। कश्मीर में हड़ताल, हिंसक प्रदर्शन और कर्फ्यू नए रिकॉर्ड की ओर अग्रसर हो रहे हैं। यही कारण है कि सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर में जारी अशांति के कारण शनिवार को लगातार 43वें दिन भी कर्फ्यू, हिंसा और सुरक्षाबलों के कथित अत्याचारों से कश्मीर बेहाल रहा है। 
हालांकि 6 दिनों की पाबंदी के बाद आज कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शनों पर नेटवर्क बहाल कर दिया गया है। कश्मीर में आज भी जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा और श्रीनगर जिले एवं दक्षिण कश्मीर के दो कस्बों में कर्फ्यू जारी रहा। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे श्रीनगर जिले, अनंतनाग कस्बे और पंपोर कस्बे में एहतियातन लगाया गया कर्फ्यू जारी रहा। 
 
अधिकारी ने बताया कि शेष घाटी में लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू रहे।इतना जरूर था कि आज एक बार फिर से पोस्टपेड मोबाइल टेलीफोन सेवा बहाल कर दी गई है। कश्मीर में फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए यहां मोबाइल सेवा को छह दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था।
 
बीते 43 दिनों में अशांति और हिंसा की वजह से घाटी में अब तक 67 लोग मारे जा चुके हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सुबह के लगभग 11 बजे मोबाइल सेवा के सभी नेटवर्कों को बहाल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि हालांकि, प्री-पेड फोन पर आउटगोईंग कॉल की सुविधा अभी तक शुरू नहीं की जा सकी है। 
 
स्वतंत्रता दिवस समारोह में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर और सिटी सेंटर में अलगाववादियों की रैलियां करने की योजना को विफल करने के लिए 13 अगस्त को मोबाइल फोन सेवा पर रोक लगा दी गई थीं। अलगाववादियों ने विरोध प्रदर्शन के अपने कार्यक्रम के तौर पर जिला मुख्यालय तक आज आजादी मार्च निकालने का आह्वान किया था। वानी के मारे जाने के बाद से जारी कर्फ्यू, प्रतिबंधों और अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हड़ताल के कारण घाटी में लगातार 43वें दिन जनजीवन अस्त व्यस्त है।
 
स्कूल, कॉलेज और निजी कार्यालय बंद रहे। सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे। सरकारी कार्यालयों में बहुत कम लोग उपस्थित रहे। प्री पेड मोबाइल इंटरनेट और टेलीफोन सेवाएं भी निलंबित रहीं। सईद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारूक और मुहम्मद यासीन मलिक के नेतृत्व में अलगाववादियों ने विरोध प्रदर्शन 25 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। 9 जुलाई से शुरू हुई संघर्ष की घटनाओं में अब तक दो पुलिसकर्मियों समेत 67 लोग मारे गए हैं।

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