उन्होंने बताया कि दर्ज रिपोर्ट के अनुसार करीब 5 साल पहले अबुल हसन तथा शामली निवासी चिकित्सक असगर ने उसे तथा उसके परिवार को बंधक बनाकर जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया और उसका नाम अब्दुल्ला, जबकि उसकी बेटी तनु (10) का नाम आयशा, बड़े बेटे मुकुल (15) का नाम सलमान और शिवम (13) का नाम समीर रख दिया था।
उन्होंने बताया कि पाल ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उसका निकाह बिहार की रहने वाली रूबी नामक महिला से करा दिया, जो अब भी उसके साथ रह रही है। उसके अनुसार कुछ दिन पहले वह मौका पाकर खतौली के मदरसे से अपनी बेटी के साथ भाग आया और अपने बेटों को भी उनके मदरसों से निकालकर बड़ौत लेकर आ गया।
थानाध्यक्ष के अनुसार तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है। हालांकि प्रथम दृष्ट्या मामला फर्जी लग रहा है। अगर 5 साल पहले जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया था तो अब तक कथित घटना के शिकार व्यक्ति के परिवार के किसी सदस्य या फिर किसी जानने वाले व्यक्ति ने पुलिस को इसकी सूचना क्यों नहीं दी? (भाषा)