सैनिकों का अदम्य साहस और बलिदान हमें प्रेरणा देता है- कमिश्नर डॉ. भार्गव

मंगलवार, 17 दिसंबर 2019 (01:01 IST)
रीवा। पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में देश की शानदार विजय के उपलक्ष्य में जिले भर में 16 दिसम्बर को विजय दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। मुख्य समारोह कलेक्ट्रेट परिसर रीवा में आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने विभिन्न युद्धों में देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले 4 शहीद सैनिकों के परिजनों को शाल श्रीफल एवं पुष्प देकर सम्मानित किया।
 
डॉ. भार्गव ने 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले केप्टन एच.एस. पवार, रेवती प्रसाद तिवारी, राजमणि प्रसाद, चन्द्रशेखर प्रसाद को भी शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ के विजय दिवस के अवसर पर प्रदेश की जनता के नाम दिए गए संदेश का वाचन किया। समारोह में विभिन्न शालाओं के विद्यार्थियों ने देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत प्रस्तुत किए। समारोह में जनसंपर्क विभाग द्वारा 1971 के ऐतिहासिक विजय से जुड़े चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। 
समारोह का शुभारंभ कमिश्नर डॉ. भार्गव ने दीप प्रज्ज्वलन तथा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करके किया। समारोह में वीर सैनिकों तथा शहीदों के परिजनों को जिला पुलिस बल द्वारा सशस्त्र सलामी दी गई। इस अवसर पर डॉ. भार्गव ने कहा कि जिन वीरों ने अपने रक्त से विजय गाथाएं लिखी हैं, उन्हें विजय दिवस पर नमन किया जा रहा है। सैनिकों का अदम्य साहस बलिदान हमें प्रेरणा देता है। नई पीढ़ी के नौजवानों ने आजादी का संघर्ष नहीं देखा है। नई पीढ़ी को आजादी के संघर्ष तथा तीन युद्धों में वीर सैनिकों के साहस और बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। विजय दिवस हम सब के लिए गौरव का क्षण है। 
 
डॉ. भार्गव ने कहा कि 1971 में गर्मियों से ही स्थितियां खराब हो रहीं थी। पूर्वी पाकिस्तान में शेख मुजिबुर्हमान के नेतृत्व में पश्चिमी पाकिस्तान के विरूद्ध प्रबल आंदोलन चल रहा था। पाकिस्तान की सेना पूरे पाकिस्तान के लोगों तथा आंदोलनकारियों का क्रूरता से दमन कर रही थी। लगभग 3 लाख पूर्वी पाकिस्तानियों ने अपनी जान गवां दी थी। 
 
भारत में लगभग 90 लाख बांग्लादेशी शरणार्थी आ गए थे, जिनको भारत ने आश्रय दिया। पाकिस्तान द्वारा हवाई हमले के कारण 1971 का युद्ध आरंभ हुआ। दुनिया के कई बड़े देशों तथा महाशक्तियों द्वारा विरोध के बावजूद भारत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कुशल नेतृत्व में पाकिस्तान को पराजित किया। पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने ढ़ाका में आत्मसमर्पण किया। इसके साथ ही बांग्लादेश का जन्म हुआ। देश के सैनिकों के बलिदान ने कठिन युद्ध को विजय में परिवर्तित किया। 
समारोह में पूर्व विधायक रामगरीब बनवासी ने कहा कि आज का दिन शहीदों का सलाम करने का दिन है। वीरों की कुरबानी हमेशा हमें प्रेरित करेंगी। समारोह में 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले कैप्टन एच.एस. पवार ने युद्ध के रोचक संस्मरण सुनाए। उन्होंने कहा कि हमारी जीत केवल सेना की जीत नहीं थी। 
 
भारतीय सैनिकों को विजय दिलाने के लिए उनके साथ करोड़ों देशवासियों का सेना के प्रति स्नेह और आशिर्वाद साथ था। देश में हर सैनिक को स्नेह और सम्मान मिलता है जिससे हमारी सेना जीतती है। पाकिस्तान इसलिए युद्ध हार गया क्योंकि उनकी सेना के साथ वहां की जनता नहीं खड़ी थी। आम जनता का प्यार सैनिक को सर्वोच्च बलिदान के लिए प्रेरित करता है। 
समारोह के अंत में मुख्य अतिथि तथा वीर सैनिकों ने जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाई गई चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके बाद 1971 के युद्ध से जुड़ी डाक्यूमेंट्री फिल्मों की क्लिपिंग दिखाई गई। समारोह का समापन कलेक्टर बसंत कुर्रे द्वारा आभार प्रदर्शन से हुआ। उन्होंने कहा कि विजय दिवस में शहीदों और वीर सैनिकों का सम्मान करना हमारे लिए गौरवशाली क्षण है। इसमें भागीदारी निभाने वाले समारोह को सफल बनाने में सहयोग देने वाले साधुवाद के पात्र हैं। 
 
समारोह में उपाध्यक्ष जिला पंचायत विभा पटेल, आयुक्त नगर निगम सभाजीत यादव, उप पुलिस महानिरीक्षक अविनाश शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अर्पित वर्मा, एडीएम इला तिवारी, प्रभारी पुलिस अधीक्षक शिवकुमार वर्मा, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पी. गंगा, रोहिणी प्रताप सिंह, सेवानिवृत्त सैनिक अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक संचालक पिछड़ावर्ग सीएल सोनी ने किया। 
चित्र प्रदर्शनी में दिखी 1971 के युद्ध की झलक
 
विजय दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट प्रांगण में कार्यक्रम स्थल पर जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई। इस चित्र प्रदर्शनी में 1971 के युद्ध की झलकियों को फ्लैक्स के माध्यम से प्रदर्शित किया गया, जिसे उपस्थित लोगों ने बड़े भाव से देखा।

भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान की सेना पर हुई शानदार एवं अभूतपूर्व विजय के घटनाक्रम को चित्रों में देखकर अतिथियों सहित स्थानीय जन रोमांचित हो उठे। 
 
प्रदर्शनी में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा पाकिस्तान पर प्राप्त की गई विजय गाथा को चित्रों के माध्यम से दिखाया गया जिसकी लोगों ने खूब सराहना की। 

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