अधिकृत सूत्रों ने बताया कि मोदी गंगा नदी का मोटर बोट से अवलोकन करने के बाद वापस लौट रहे थे कि गंगा बैराज की सीढ़ियों पर उनका पैर लड़खड़ा गया और वे गिर गए। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे एसपीजी के जवानों ने बगैर पल गवाए उन्हें संभाला। गनीमत रही कि उन्हें कोई चोट नहीं लगी और वे अधिकारियों संग वहां से रवाना हो गए।
सूत्रों ने बताया कि अटल घाट पर एक सीढ़ी की ऊंचाई अन्य सीढ़ियों से कुछ अधिक है। इस बारे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे एसपीजी के अधिकारियों को इस बाबत बता दिया गया था। हालांकि घटना अफसोसजनक है और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक है। घटना से सबक लेते हुए निर्माण एजेंसी से बात कर सीढिय़ों को फिर से बनाया जाएगा, ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
मोदी यहां राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में शामिल होने आए थे जिसके बाद उन्होंने मोटर बोट पर सवार होकर परियोजना के तहत चल रहे कार्यों को करीब से जाना। प्रधानमंत्री आधे घंटे से अधिक समय तक गंगा नदी में विचरण करते रहे। इस दौरान उन्होंने अंग्रेजों के शासनकाल में निर्मित सीसामऊ नाले को देखा जिसका प्रदूषित जल दशकों से पतित पाविनी को मैला कर रहा था। परियोजना के तहत नाले को बंद कर दिया गया है।