तीर्थ पुरोहित चेतावनी दे रहे हैं कि इसके बाद भी सरकार नहीं चेती तो 5 नवंबर को पीएम के दौरे का विरोध किया जाएगा। इसको देख उत्तराखंड सरकार भी अभी घुटनों के बल आती दिख रही है। सरकार ने मंगलवार को जहां तीर्थ पुरोहितों का मूड भांपने कैबिनेट मंत्री सुबोध युनियाल को केदारनाथ भेजा, वहीं अब बुधवार को खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वहां पहुंच तीर्थपुरोहितों के साथ मिलकर उनको मनाने पहुंच रहे हैं।
सोमवार को तीर्थ पुरोहितों ने जो रौद्र रूप पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिखाया और उसके बाद पहुंचे 2 भाजपा नेता भी उसकी चपेट में आते-आते बचे, उससे भाजपा घबराई हुई है। ऐसे में जबकि 5 नवंबर को पीएम का दौरा यहां होना है, भाजपा को हर हाल में पंडा और तीर्थ पुरोहितों को शांत रखने के लिए उपाय करना लाजिमी हो गया है। इसी कारण अब चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों की घेराबंदी में भाजपा जुट चुकी है। इसी के तहत बद्रीनाथ की डिमरी पंचायत की भेंट मुख्यमंत्री से कराई गई। इसी योजना के तहत भाजपा नेताओं ने बद्रीनाथ धाम से जुड़े बद्रीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधियों से भेंट की और उन्हें देवस्थानम बोर्ड से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बद्रीनाथ धाम का प्रसाद भेंट किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को अंग वस्त्रम् भेंट किए। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के समक्ष देवस्थानम बोर्ड के संबंध में गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष मनोहरकांत ध्यानी से भी वार्ता की और चारधाम पुरोहित पुजारियों की भावनाओं से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से भी इस विषय में संवाद कर रही है। हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान-सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी। हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं।
ऐसी मीठी गोली के बावजूद आज बुधवार को केदार कूच के कार्यक्रम को लेकर पूरी तरह से पंडा समाज, हक हकूकधारी और अन्य लगे हुए हैं, जो इशारा करता है कि तीर्थ पुरोहित इस मामले में अभी झुकने के मूड में नहीं हैं।