Ruckus in Firozabad after death of Dalit youth : उत्तर प्रदेश में कांच और सुहाग नगरी के नाम से मशहूर फिरोजाबाद में फायरिंग और पथराव से स्थिति उस समय भयावह हो गई, जब बाइक चोरी के आरोप में जेल गए एक दलित युवक की मौत हो गई। मृतक युवक का शव आज उसके परिजन घर ले जा रहे थे, अचानक उन्होंने फिरोजाबाद के सुहाग नगर चौराहे पर शव को रखकर जाम लगा दिया। जाम खुलवाने पहुंची पुलिस के साथ हंगामा करते हुए मारपीट शुरू कर दी।
पुलिस को घेरते हुए पथराव और आगजनी : मिली जानकारी के मुताबिक घटना के समय पुलिस बल कम था जिसके चलते उपद्रवियों ने पुलिस को घेरते हुए पथराव और आगजनी कर दी। इस उपद्रव में एक दर्जन के करीब पुलिस और जनता चोटिल हुई है। गौरतलब है कि तीन दिन पहले आकाश जाटव को बाइक चोरी के आरोप में पकड़ा गया था और न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारा लाया गया था।
बताया जा रहा है कि आकाश की गुरुवार रात्रि में तबीयत खराब हो गई और उसको जेल के डॉक्टरों ने प्रारंभिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेज दिया, जहां शुक्रवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद आज देर शाम आकाश के परिजन उसकी डेड बॉडी को लेकर घर जा रहे थे। लेकिन घर पहुंचने से पहले ही परिजनों और भीम आर्मी के लोगों ने डेड बॉडी को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया।
पुलिस के साथ अभद्रता : परिजनों का आरोप है कि बीमारी के चलते आकाश की मौत नहीं हुई है, बल्कि उसकी हत्या की गई है और वह इस मामले में जांच की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। वहीं जाम की जानकारी मिलते ही पुलिस वहां पहुंची तो आक्रोशित लोगों ने पुलिस के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट शुरू कर दी।
उपद्रवियों के आक्रोश के आगे पुलिस बल कम : पुलिस ने हंगामा और पथराव कर रहे लोगों को पकड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया तो महिलाएं सामने आ गईं और उपद्रवियों को छुड़ाने लगीं। उपद्रवियों के आक्रोश के आगे पुलिस बल कम था, जब तक और पुलिस पहुंचती तब तक उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी। सूचना है कि हंगामा करने वालों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने फायरिंग कर दी।
एक दर्जन पुलिसवाले और आमजन घायल : सूचना मिलते ही आलाधिकारी और कई थानों की पुलिस सुहाग चौक पर पहुंची और उपद्रव पर काबू पाने का प्रयास किया। पथराव और लाठीचार्ज में एक दर्जन पुलिसवाले और आमजन घायल हुए हैं। वहीं भीम आर्मी के लोगों की मांग है कि मृतक आकाश के परिजनों को सरकारी नौकरी और एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए, क्योंकि यह मौत न्यायिक अभिरक्षा में हुई है।