याचिकाकर्ता विजय रोकाडे की ओर से बंबई उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि अब तक ऐसा कोई संतोषजनक तथ्य नहीं पाया गया, जिसके जरिए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत सनातन संस्था को आतंकवादी संगठन घोषित कर इस पर प्रतिबंध लगाया जा सके।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने आतंकवाद निरोधक दस्ता(एटीएस) द्वारा प्रस्तुत तथ्यों एवं रिपोर्ट के आधार पर संस्था को प्रतिबंधित किए जाने की अनुशंसा करते हुए वर्ष 2012 में केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है।