जानिए कौन हैं संत रामपाल और क्या है पूरा विवाद?

मंगलवार, 18 नवंबर 2014 (12:19 IST)
हरियाणा में संत रामपाल दास महाराज और उनके समर्थकों ने प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। वे लगातार पुलिस को चकमा देकर गिरफ्तारी से बच रहे हैं। संत समर्थक संत रामपाल की गिरफ्‍तारी नहीं होने दे रहे हैं। रामपाल के अनुयायी अपने गुरु के लिए जान तक देने को तैयार हैं। जानिए रामपाल के संत बनने की कहानी और क्या है पूरा विवाद।  

रामपाल से कैसे बने संत रामपाल : सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में रामपाल दास का जन्म हुआ था। पढ़ाई पूरी करने के बाद रामपाल ने हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी की। नौकरी के दौरान रामपाल की मुलाकात 107 साल के कबीरपंथी संत स्वामी रामदेवानंद महाराज हुई। रामपाल रामदेवानंद के शिष्य बन गए।

21 मई 1995 को संत रामपाल ने 18 साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सत्संग करने लगे। संत रामपाल के अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई। कमला देवी नाम की एक महिला ने करोंथा गांव में बाबा रामपाल दास महाराज को आश्रम के लिए जमीन दे दी। 1999 में बंदी छोड़ ट्रस्ट की सहायता से रामपाल महाराज ने सतलोक आश्रम की नींव रखी।
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पहली जून, 1999 से 7 जून, 1999 तक लगातार सप्ताह भर सत्संग हुआ। कुछ वर्ष तक सब सामान्य रहा, लेकिन फिर करौंथा और साथ लगते गांवों के लोगों खासकर आर्यसमाजियों ने रामपाल के प्रवचनों पर आपत्ति जताना शुरू कर दिया। 2006 में स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर संत रामपाल ने एक टिप्पणी की। आर्यसमाज इस टिप्पणी से नाराज हो गया। आर्य समाज और रामपाल समर्थकों में हिंसक झड़प हुई।

इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। 12 जुलाई, 2006 को रामपाल के अनुयायियों और आर्यसमाजियों में खूनी टकराव हो गया। इसके बाद पुलिस ने आश्रम को कब्जे में ले लिया। इस मामले में रामपाल और उनके कई समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

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2009 में संत रामपाल को आश्रम वापस मिल गया। आर्यसमाज के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। 12 मई 2013 को नाराज आर्य समाजियों और संत रामपाल के समर्थकों में एक बार फिर झड़प हुई। इसमें भी कई लोग घायल हो गए। इसी मामले में संत रामपाल को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पेश होना है।

5 नवंबर को पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने संत रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। 10 नंवबर को संत रामपाल को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन संत के समर्थकों ने रामपाल को अस्वस्थ बताकर, गिरफ्तारी का आदेश मानने से ही इनकार कर दिया और संत रामपाल कोर्ट में पेश नहीं हुए। अभी रामपाल लापता हैं। (एजेंसियां)

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