शशिकला बनेंगी तमिलनाडु की नई मुख्यमंत्री, पनीरसेल्वम ने दिया इस्तीफा

रविवार, 5 फ़रवरी 2017 (23:59 IST)
चेन्नई। जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक की महासचिव का प्रभार संभालने के करीब एक महीने पश्चात वी के शशिकला को आज पार्टी विधायक दल के नेता नेता चुन लिया गया, जिससे उनके तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया। इसी बीच शशिकला के पति को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से अपोलो अस्तपताल में भर्ती करवाया गया है। 
पार्टी विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने पार्टी विधायक दल के नेता के रूप में शशिकला के नाम का प्रस्ताव किया।‘चिनम्मा’ के नाम से प्रसिद्ध 62 वर्षीय शशिकला करीब तीन दशकों तक जयललिता के साए के रूप में बनी रही। शशिकला आज पार्टी मुख्यालय पहुंची जहां पनीरसेल्वम और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया।
 
शशिकला ने विधायकों से कहा, ‘जब जयललिता का निधन हुआ तब उसके बाद पनीरसेल्वम ने सबसे पहले उन्हें पार्टी महासचिव के साथ मुख्यमंत्री बनने के लिए मनाया था।’ उनकी पदोन्नति 31 दिसंबर को अन्नाद्रमुक महासचिव का प्रभाव संभालने के करीब एक महीने बाद हो रही है। शशिकला, जयललिता की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं जिनके पास दोनों पद थे। इससे शशिकला का पार्टी और सरकार दोनों पर पूर्ण नियंत्रण हो जाएगा।
 
बैठक से पहले पनीरसेल्वम ने पोएस गार्डन आवास पर जाकर शशिकला से मुलाकात की। अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद शशिकला ने कहा कि अन्नाद्रमुक तमिलनाडु के लोगों के कल्याण के लिए काम करेगी । जयललिता के समय ऐसा माना जाता है कि शशिकला का पर्दे के पीछे काफी प्रभाव रहा था।
 
अब पार्टी की बागडोर संभालने के बाद शशिकला ने पूर्व मुख्यमंत्री की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया है। जयललिता के निधन के समय से ही ऐसा कहा जा रहा था कि शशिकला पार्टी महासचिव और मुख्यमंत्री दोनों पदों की बागडोर अपने हाथों में लेंगी। मुख्यमंत्री पद के लिए शशिकला का समर्थन करने वालों में पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा के उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई शामिल हैं। 

पनीरसेल्वम ने राज्यपाल को इस्तीफा भेजा :  शशिकला के अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के विधायक दल का नेता चुने जाने के कुछ घंटों बाद ही  मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने अपना इस्तीफा तमिलनाडु के राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव को भेज दिया। पनीरसेल्वम ने राज्यपाल को भेजे इस्तीफे की प्रति मीडिया में जारी करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा निजी कारणों से दे रहे हैं। 
 
पनीरसेल्वम ने राज्यपाल को चार पंक्तियों में लिखे अपने पत्र में अनुरोध किया कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए  और छह दिसम्बर 2016 को नियुक्त किए गए मुख्यमंत्री के पद से मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा, कुछ निजी कारणों से मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
 
प्रधानमंत्री और राज्यपाल को धन्यवाद दिया : पनीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव को उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान मिले समर्थन और सहयोग के लिए आज धन्यवाद दिया । 
        
पनीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री और राज्यपाल को अलग-अलग लिखे पत्रों  में कहा, मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान आपकी ओर से मिले सभी तरह के समर्थन और सहयोग के लिए दिल से आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा, एक बार फिर आपका धन्यवाद।
              
उल्लेखनीय है कि तीसरी बार सिर्फ दो महीने तक मुख्यमंत्री पद पर रहे पनीरसेल्वम ने जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर हो रहे प्रदर्शन को बेहद प्रभावी तरीके से निपटाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने इसके आयोजन को  सुनिश्चित कराने के लिए नई दिल्ली का दौरा करके प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस पर से प्रतिबंध हटाने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की। इसके बाद  अध्यादेश का स्थान लेने के लिए विधान सभा में विधेयक पारित किया गया।

शशिकला के पति एम नटराजन अस्पताल में भर्ती :  श्रीमती शशिकला के पति एम नटराजन को आज रात अचानक तबीयत खराब हो जाने के कारण  अपोलो अस्पताल  में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने नटराजन के अस्पताल में भर्ती होने की खबर की पुष्टि की लेकिन यह नहीं बताया कि किस तकलीफ के कारण उन्हें भर्ती कराया गया है। हालांकि विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ और शुगर का स्तर बढ़ जाने के कारण नटराजन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
     
शशिकला के विधायक दल के नेता चुने जाने पर मिली-जुली प्रतिक्रिया : शशिकला के आज विधायक दल के नेता चुने से उनके मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेताओं ने मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ नेताओं ने इसका स्वागत किया तो कुछ ने इस पर सवाल भी उठाए। 
              
द्रविड़ मुनेत्र कषगम के कार्यकारी अध्यक्ष और विपक्ष के नेता एम के स्टालिन ने कहा कि श्रीमती शशिकला के विधायक दल का नेता चुना जाना लोगों की इच्छाओं के खिलाफ है। तिरूवरूर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में लोगों ने अन्नाद्रमुक को सत्ता में लौटने के लिए वोट किया जबकि द्रमुक को मजबूत विपक्ष का जिम्मा सौंपा। दोनों दलों के बीच जीत का फासला मात्र 1.1 प्रतिशत था। 
       
उन्होंने कहा कि जब सुश्री जे जयललिता आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल भेजीं गई थी, तब ओ पनीरसेल्वम को उनकी जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था। जब सुश्री जयललिता अस्पताल में लंबे समय से इलाज करा रहीं थी, तब भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था। जयललिता ने श्रीमती शशिकला को न तो अपनी पार्टी में और न ही सरकार में काेई पद दिया था। 
         
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश अध्यक्ष तमिझाईसाई सुंदरराजन ने कहा कि यह अन्नाद्रमुक का अधिकार है कि वह किसे अपना नेता चुनती है। वैसे भी राज्य की वर्तमान स्थितियों को देखते हुए बदलाव की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि वर्तमान मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम स्थितियों को संभालने में प्रभावशाली भूमिका निभा पा रहे थे। 
 
उन्होंने कहा, शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने का यह समय उचित नहीं था। अन्नाद्रमुक के विधायकों को इस तरह की जल्दबाजी दिखाने की आवश्यकता नहीं थी। मैं नहीं समझ पा रही हूं कि विधायक दल के नेता चुने जाने की आवश्यकता क्यों आ गई थी?
 
तमिलनाडु कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सु तिरूनवुक्करासर ने कहा कि अन्नाद्रमुक को विधायक दल का नेता चुने जाने का अधिकार है। माकपा के राज्य सचिव आर मुथारासन ने कहा, हमें इंतजार करके देखना होगा  कि वह (श्रीमती शशिकला) कैसा कार्य करती हैं। छह महीने में पता चल जाए गा कि लोग उन्हें स्वीकार करते हैं या नहीं। 
 
विदुथलाई चिरूथईगल काच्छी (वीसीके) के नेता थोल थिरूमावलवन ने श्रीमती शशिकला का अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुने जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, मैं इस कदम का स्वागत करता हूं। (एजेंसियां) 

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