उन्होंने कहा कि इन सदस्यों को संगठन के हितों के 'खिलाफ जाने' पर निष्कासित किया गया है जो मीडिया में बात कर उनकी कार्यशैली के खिलाफ अपनी असहमति जता रही थीं। यह पूछे जाने पर कि उनकी सहयोगियों ने उनसे अलग होने का रास्ता क्यों चुना, देसाई ने कहा कि वे खुद को 'हाशिए पर महसूस कर रही थीं क्योंकि अध्यक्ष होने के नाते मीडिया का फोकस आंदोलन के दौरान मुझ पर रहा।'
उन्होंने कहा, ' ब्रिगेड में 4,000 से अधिक सदस्य-कार्यकर्ता हैं और घटनाक्रम से हमारे कार्यक्रमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।' निष्कासित सदस्यों में केवाडकर के अतिरिक्त प्रियंका जगताप (प्रवक्ता) और दुर्गा शुक्रे शामिल हैं। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुखिर्यों में आए मंदिर आंदोलन में ये तीनों अग्रिम मोर्चे पर थीं। देसाई ने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने की अपनी योजना पर आगे बढ़ेंगी। (भाषा)