Pahalgam terror attack case : शिवसेना (UBT) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ जानलेवा आतंकवादी हमला खुफिया तंत्र की विफलता का परिणाम है और केंद्र शासित प्रदेश के मुद्दे केवल पाकिस्तान को धमकाने से नहीं सुलझेंगे। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में तीखे शब्दों में कहा कि अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बावजूद कश्मीर घाटी में हिंसा थमी नहीं है और हिंदुओं को अब भी निशाना बनाया जा रहा है। पार्टी ने दावा किया कि पांच अगस्त 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में अब तक 197 सुरक्षाकर्मी, 135 आम नागरिक और 700 आतंकी मारे जा चुके हैं।
विपक्षी पार्टी ने अपनी पूर्व सहयोगी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2019 में संविधान के इस विवादित प्रावधान को हटाए जाने के बाद राजनीतिक उत्सव मनाया था लेकिन घाटी में हिंदुओं को उनके हाल पर छोड़ दिया गया।
पार्टी ने दावा किया कि पांच अगस्त 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में अब तक 197 सुरक्षाकर्मी, 135 आम नागरिक और 700 आतंकी मारे जा चुके हैं। मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पर्यटक स्थल पहलगाम में आतंकवादियों ने हमला कर दिया था जिसमें कम से कम 26 लोगों की जान गई। अधिकांश अन्य राज्यों से आए पर्यटक थे।
संपादकीय में सवाल किया गया, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कहां हैं, जो खुद को जेम्स बॉन्ड जैसा दिखाते हैं? सामना ने लिखा, पुलवामा हमले के बाद अब पहलगाम हमला खुफिया एजेंसियों की विफलता है। भाजपा पर निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग करती है, लेकिन पहलगाम में हिंदुओं की हत्या की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
संपादकीय में कहा गया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावा किया था कि वर्ष 2016 की नोटबंदी से आतंकवाद की कमर टूट जाएगी, लेकिन वह झूठ था। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने के दावे को भी सामना ने खारिज किया और कहा कि घाटी में अब भी रोज़ाना खून बह रहा है।
संपादकीय में लिखा गया, घाटी में हिंसा थमने के कोई संकेत नहीं हैं। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है और विस्थापित कश्मीरी पंडितों से किए गए वादे अब भी अधूरे हैं। उल्टा, हिंदू वहां से पलायन कर रहे हैं। हिंदुओं की मसीहा होने का दावा करने वाली भाजपा को शर्म आनी चाहिए।
सामना ने लिखा कि जम्मू-कश्मीर में केन्द्र सरकार उपराज्यपाल के माध्यम से शासन चला रही है, लेकिन पहलगाम से उठती चीखें और आंसू इस शासन की कुशलता की पोल खोल रहे हैं। संपादकीय में कहा गया, मुद्दे पाकिस्तान को धमकाने से हल नहीं होंगे। इससे केवल भक्त (भाजपा समर्थक) संतुष्ट हो सकते हैं।
भाजपा पर सीधा हमला करते हुए सामना ने कहा, हिंदुओं की रक्षा कौन करेगा? हिंदुओं की मौत के बाद रोना-धोना, फिर पाकिस्तान और मुसलमानों पर आरोप लगाना... यह भाजपा का तरीका है। ऐसा ही पुलवामा के बाद भी हुआ था। संपादकीय के अंत में आरोप लगाया गया कि पिछले दस वर्षों से देशभर में धार्मिक आधार पर नफरत फैलाई जा रही है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour