भोपाल। मध्य प्रदेश में बढ़ते राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी को विधायकों को कब्जे में लेने के बजाए 'फ्लोर टेस्ट' करवाना चाहिए, जिसके लिए राज्य की कांग्रेस सरकार तैयार है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की फासीवादी सरकार केंद्रीय एजेंसियों और धनबल का उपयोग कर मध्य प्रदेश के लगभग 8 विधायकों को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है, लेकिन वह सफल नहीं होगी। लगभग 4 विधायक वापस आ गए हैं और शेष 4 भी वापस आ जाएंगे। उनका कहना है कि सभी विधायक कांग्रेस का अभी भी समर्थन कर रहे हैं।
श्रीमती ओझा ने कहा कि राज्य की कमलनाथ सरकार 15 वर्षों से जमे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इस वजह से कुछ लोग राज्य की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे। उन्होंने दावा किया कि इन सबके बावजूद राज्य की कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने धनबल के आधार पर कर्नाटक, हरियाणा और कुछ अन्य जगहों पर लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया और अब यही प्रयास मध्यप्रदेश में किया जा रहा है, लेकिन इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा।
श्रीमती ओझा ने कहा कि महिला बसपा विधायक रामबाई को भी जबर्दस्ती एक होटल में रोकने का प्रयास किया गया। इस संबंध में वीडियो भी सामने आया है। श्रीमती ओझा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इन सब मामलों के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा हैं।
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