दुकानदारों के मौलिक अधिकारों पर अतिक्रमण कर रहे हैं फेरीवाले

रविवार, 17 जुलाई 2016 (15:32 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि फेरीवाले वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से अपना कारोबार करने वाले दुकानदारों के मौलिक अधिकारों पर अतिक्रमण करते हैं और लोगों के लिए सुरक्षा समस्या भी पैदा करते हैं।


 
वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश गौरव राव ने कहा कि दुकानदार अपना कारोबार करने के लिए भारी किराया और कर का भुगतान तथा निवेश करते हैं जबकि फेरीवाले केवल दुकानों के सामने बैठकर बिना कुछ भुगतान किए या बिना कोई भूखंड खरीदे अपना व्यापार शुरू करते हैं।
 
अदालत ने कहा कि यह भी सबको पता है कि कई बार फेरीवाले उनके तथा दुकानदारों के बीच दुकान के सामने बैठने को लेकर झगड़ा होने पर कानून व्यवस्था के लिए समस्या पैदा करते हैं।
 
अदालत ने कहा कि कई बार फेरीवाले दुकानदारों के लिए अन्याय की स्थिति पैदा करते हैं और यह सिद्धांतों के खिलाफ है।
 
अदालत ने ये टिप्पणियां एक कानूनी वाद में एक फेरीवाले के खिलाफ फैसला सुनाते वक्त कीं। फेरीवाले ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम और नेहरू प्लेस थाने के प्रभारी को उसे नेहरू प्लेस बाजार में एक दुकान से हटाने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
 
उसका कहना था कि वह वर्ष 2005 से मोबाइल का सामान बेच रहा है और उसने अन्य दुकानदारों सहित किसी के लिए भी कभी कोई अड़चन पैदा नहीं की। निगम ने अपने जवाब में कहा कि याचिकाकर्ता ने अतिक्रमण किया है और वह सरकारी जमीन पर अधिकार का दावा नहीं कर सकता। (भाषा)

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