मुंबई। पिछले कुछ दिनों से हड़ताल पर चल रहे एसटी कार्यकर्ताओं का आंदोलन अब और तेज होने की संभावना है। एसटी निगम प्रशासन ने अब संपर्क एसटी कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक एसटी निगम प्रशासन ने मंगलवार को राज्य के 376 कर्मचारियों को विभिन्न कारणों से निलंबित कर दिया। प्रदेश के 16 संभागों में 45 आगार में 376 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
'जिते रास्ता, दशमांश एसटी' के नाम से मशहूर लालपरी ने पिछले कुछ दिनों से ब्रेक लिया है। कर्मचारी हड़ताल पर हैं, ऐसे में दूसरे दिन भी एसटी का सड़क पर आना संभव नहीं है। कल सोमवार को 90 प्रतिशत कार्यकर्ता मौजूद नहीं थे। एसटी कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार की सेवा में शामिल करने की मांग को लेकर एसटी कार्यकर्ताओं ने हड़ताल शुरू कर दी है। सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को देखने के लिए 3 सदस्यीय समिति का भी गठन किया है। सरकार द्वारा इस बारे में अदालत को सूचित किए जाने के बाद भी एसटी कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं। नतीजतन राज्यभर में एसटी यातायात अभी भी जाम है।
राज्य के परिवहन मंत्री और एसटी निगम अध्यक्ष अनिल परब ने सोमवार को एसटी कार्यकर्ताओं से हड़ताल वापस लेने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों को बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने संपर्क कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी संकेत दिए। आखिरकार मंगलवार को एसटी निगम प्रशासन ने संपर्क अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी।
नांदेड़ में किनवट, भोकर, माहूर, कंधार, नांदेड़, हडगांव, मुखेड, बिलोली, देगलुर डिपो के 58 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा वर्धा जिले के वर्धा, हिंगणघाट डिपो, यवतमाल जिले के पंढरकवाड़ा, रालेगांव, यवतमाल डिपो से 57, जाट, पलूस, इस्लामपुर, सांगली जिले के अटपडी डिपो से 58 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।