गाजियाबाद। देश की राजधानी दिल्ली से महज 24 किलोमीटर दूर गाजियाबाद जेल में 140 कैदी एचआईवी पॉजिटिव होने की बात सामने आ रही है। डासना जेल में इस समय लगभग 5500 बंदी हैं, जिनमें से 140 बंदी एचआईवी संक्रमित और 35 कैदी टीबी से पीड़ित हैं। इन सभी बंदियों का राज्य की एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा इलाज किया जा रहा है।
एचआईवी संक्रमण से ग्रसित रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे क्षीण होने के कारण वह है मौत के करीब पहुंच जाता है। इसका संक्रमण आमतौर पर असुरक्षित ब्लड डोनेशन करने वाले, सीरिंज से नशा करने वाले और असुरक्षित यौन संबंधों से होता है।
गाज़ियाबाद की डासना जेल में एचआईवी पॉजिटिव बंदियों की संख्या सवा सौ से डेढ़ सौ के बीच रहती है, जेल में जो भी नया बंदी आता है, उसकी पहले एचआईवी जांच की जाती है, यदि वह एचआईवी संक्रमित पाया जाता है तो उसका रजिस्ट्रेशन करवाकर ART सेंटर से इलाज शुरू करवा दिया जाता है।
जेल में एचआईवी पॉजिटिव केस मिलना एक सामान्य बात है, इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। भले ही 140 बंदियों का जेल में एचआईवी संक्रमित होना गाजियाबाद जेल प्रशासन के लिए चिंता का विषय नहीं है, लेकिन यह फीगर जेल में पाए जाने के बाद माथे पर चिंता की लकीरें उभारने के लिए काफी है।