गोविंद के अनुसार भविष्य में वह कुछ करना चाहता हैं, ऐसे में पढ़ाई को बीच में नहीं छोड़ सकता है। उसने सभी पेपर देने के लिए निवेदन किया था। इसे स्वीकार कर लिया गया। जेल में ही उसे पढऩे का अवसर भी मिल रहा है।
गोविंद को परीक्षा केंद्र तक लेकर पहुंचने की जिम्मेदारी पुलिस लाइन के उपनिरीक्षक कृपा राम गौंड को मिली है। वे भी गोविंद के शिक्षा के प्रति उत्साह को देखकर उसके कायल हो गए। कृपाराम गौंड ने बताया कि वह सुधरना चाहता हैं, अच्छी बात है। इससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा।